गोपेश्वर: बरसात के दिनों में बाढ़ और मलबे से दहशत झेलने वाले थराली कस्बे के लिए राहत भरी खबर है. चमोली जिले के थराली कस्बे को पिंडर नदी के बहाव से बचाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. उप जिलाधिकारी (एसडीएम) थराली कमलेश मेहता ने इस अभियान को अंतिम रूप देते हुए संबंधित विभागों को तत्काल कार्य योजना पर काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. यदि योजनाएं समय पर अमल में लाई गईं तो इस साल बरसात के दौरान थराली के नागरिकों को भारी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
नागरिकों की राह होगी सुगम
बुधवार को एसडीएम ने सिंचाई और खनन विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक की. इस दौरान सिंचाई विभाग ने बताया कि पिंडर नदी के तल को सुधारने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है. योजना के तहत, केदारबगड़ से रामलीला मैदान और प्राणमती नदी के संगम तक नदी का तल दो से पांच मीटर तक गहरा किया जाएगा.नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए निकाले गए मलबे को दोनों किनारों पर एकत्र किया जाएगा, ताकि बरसात का पानी व्यवस्थित तरीके से बाहर निकल सके. प्राणमती और पिंडर नदी के संगम स्थल पर एकत्र मलबे को खनन विभाग की ओर से रिवर ड्रेसिंग के तहत हटाया जाएगा.
बनाई ठोस योजना – बरसात से पहले पूरी होगी योजना
पिछले वर्षों में प्राणमती नदी से आए मलबे के कारण पिंडर नदी के तल में दो से पांच मीटर तक की ऊंचाई हो गई थी. इससे बरसात के दिनों में थराली बाजार, वेतालेश्वर महादेव मंदिर, सरस्वती शिशु मंदिर और पिंडर पब्लिक स्कूल जैसे स्थानों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया था. पिछले साल नदी का पानी थराली पुल और आसपास के आवासीय क्षेत्रों में घुस गया था, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था. बैठक में यह भी बताया गया कि रामलीला मैदान के पास सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार का 50 मीटर हिस्सा टूट चुका है. इससे दूसरे किनारे पर बसे नागरिकों को खतरा है.
एसडीएम ने दीवार की तत्काल मरम्मत और इसका प्रस्ताव जिला अधिकारी को भेजने के निर्देश दिए हैं. यदि सभी कार्य योजनाएं समय पर लागू होती हैं तो इस वर्ष थराली के नागरिक बरसात के दिनों में सुरक्षित रहेंगे. एसडीएम कमलेश मेहता की सक्रियता और संबंधित विभागों की तत्परता से क्षेत्र में राहत की उम्मीद जगी है.
हिन्दुस्थान समाचार
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