Dehradun: प्रदेश में वन आरक्षी के 160 पदों पर नियुक्ति की राह देख रहे अभ्यर्थियों का धरना शनिवार को भी लगातार पांचवे दिन जारी है. वन मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने अपना विरोध और निराशा जताते हुए सरकार से तत्काल नियुक्ति की मांग की. उनका कहना है कि विभाग द्वारा स्वयं जारी पत्र में वन आरक्षियों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया गया था, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी से उनका धैर्य टूट चुका है.
अभ्यर्थियों ने विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश का हवाला देते हुए बताया कि 27 सितंबर 2024 को अपर प्रमुख वन संरक्षक द्वारा जारी किए गए पत्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन के संबंध में रिट पिटीशन 1249/2019 में वन आरक्षियों के रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरने के निर्देश दिए गए हैं.
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि वर्तमान में वन आरक्षी संवर्ग में 160 रिक्त पद हैं. इन पदों को भरने से न केवल वन्यजीव सुरक्षा, बल्कि विभागीय कार्यों में भी सुधार होगा, जिसमें अवैध पत्तन, वनाग्नि नियंत्रण और वृक्षारोपण शामिल हैं. लेकिन इसके बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है, जो अभ्यर्थियों के लिए निराशाजनक है.
अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित होने के बावजूद उन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है और यह प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है. उनका कहना है कि वे सभी चयनित अभ्यर्थी पूरी तरह से इस पद के लिए योग्य हैं और अब सरकार से जल्द नियुक्ति की उम्मीद कर रहे हैं.
धरने में ओमकार, संजय, धीरज बिष्ट, नितेश कुमार, रवि लटवाल, अखिलेश रावत, रजत लोहानी, विनोद कुमार, दिव्या भट्ट, सर्वजीत कौर, रेनू, शीला, प्राची, मधु राणा समेत अन्य अभ्यर्थी शामिल हैं.
हिन्दुस्थान समाचार