Dehradun: जिलाधिकारी सविन बसंल ने जिले में अवैध खनन और खनिज पदार्थों की ओवरलोडिंग को रोकने के लिए उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों की बैठक ली. जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि ये पर्यावरण और सड़क सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन रहे हैं. उन्होंने प्रशासन को इन मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए और जनता से अपील की कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दें. प्रशासन पर्यावरण की सुरक्षा और कानून के पालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
सख्त कार्रवाई और निगरानी की व्यवस्था जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अवैध खनन के हॉटस्पॉट्स की पहचान करें और इन क्षेत्रों में नियमित छापेमारी और निगरानी की व्यवस्था करें. इसके अलावा, उन्होंने खनन गतिविधियों की जीपीएस आधारित निगरानी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.जिलाधिकारी ने बताया कि जिन वाहनों में क्षमता से अधिक खनिज परिवहन किया जा रहा है, उनके खिलाफ भारी अर्थदंड के साथ-साथ एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसे वाहनों को पुलिस और परिवहन विभाग के सुपुर्द किया जाएगा. सड़क पर चलने वाले खनिज वाहनों की सघन चेकिंग करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया.
कानूनी कार्रवाई और वित्तीय जांचउन्होंने कहा कि निर्धारित मानकों से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहन मालिकों और चालकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया और खनन माफिया पर सख्त निगरानी रखने का आदेश दिया. साथ ही उनके वित्तीय लेन-देन की भी जांच की जाएगी. बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी अनामिका, कालसी गौरी, सदर हरिगिरि, मुख्यालय शालिनी नेगी, ऋषिकेश स्मृता परमार, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, चकराता योगेश मेहर सहित समस्त तहसीलदार उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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