Dehradun: विजय दिवस के अवसर पर दीनदयाल पार्क सड़क संसद में सोमवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहीदों को नमन करते हुए अपनी संवेदनाएं प्रकट की. उन्होंने 1971 के युद्ध को भारतीय इतिहास का गौरवपूर्ण अध्याय बताया, जो भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल को बदलने वाला साबित हुआ. इस मौके पर वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और 1971 के युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार व संचालन मोहन सिंह नेगी ने किया.
हरीश रावत ने कहा कि 1971 का विजय दिवस भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक है, जिसमें पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल मानिक शाह, जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा जैसे भारतीय सेना के नायकों की बहादुरी को सलाम किया. रावत ने यह भी कहा कि अमेरिका के सातवें बेड़े को भेजने की धमकी के बावजूद इंदिरा गांधी ने अपने दृढ़ निश्चय के साथ पाकिस्तान को शिकस्त दी.
बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर अत्याचारों पर चिंता जताई
पूर्व मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की भी कड़ी निंदा की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सरकार से बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के माध्यम से इस मुद्दे पर दबाव बनाने की आवश्यकता जताई.
गोष्ठी में समाजवादी पार्टी के कार्यकारी सदस्य एसएन सचान, कामरेड समर भंडारी, कामरेड जगदीश कुकरेती व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सहित अन्य कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में जनगीत गायक सतीश धौलाखंडी ने गीत प्रस्तुत किए, जो शहीदों और स्वतंत्रता संग्रामियों की वीरता को सम्मानित करते थे.
हिन्दुस्थान समाचार