हल्द्वानी: स्वामी विवेकानंद की 125वीं स्मृति वर्ष के अवसर पर उनके 1900-1901 के उत्तराखंड भ्रमण की याद में काठगोदाम से मायावती आश्रम (लोहाघाट) तक ऐतिहासिक पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा. इसमें योग, ध्यान और जनजागरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. आगामी 28 दिसंबर को देहरादून के प्राचीन बावड़ी शिव मंदिर (राजपुर) से आध्यात्मिक गुरु आचार्य डॉ. बिपिन जोशी के सानिध्य में पदयात्रा का शुभारंभ होगा. 29 दिसंबर को यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर धारी, पहाड़पानी, मोरनौला और धुनाघाट होते हुए मायावती आश्रम पहुंचेगी. आगामी 29 दिसंबर को काठगोदाम रेलवे स्टेशन स्थित स्वामी विवेकानंद स्मारक पर माल्यार्पण किया जाएगा. एक जनवरी 2025 को चंपावत में विशेष जनजागरण पदयात्रा निकाली जाएगी. 12 जनवरी 2025 (युवा दिवस) को स्वामी विवेकानंद जयंती पर देशभर में अभियान का समापन होगा.
इतिहास, संस्कृति और आध्यात्म का संगम, कदम-कदम पर प्रेरणा
नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का प्रयासइस यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और संस्कारों के संरक्षण के साथ-साथ नई पीढ़ी में जागरूकता लाना है. हर पड़ाव पर योग और ध्यान सत्र आयोजित कर युवाओं को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से प्रेरित किया जाएगा.
स्वामी विवेकानंद का संदेश आज भी प्रासंगिकआचार्य डॉ. बिपिन जोशी का कहना है कि यह ऐतिहासिक यात्रा न केवल स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को पुनर्जीवित करेगी, बल्कि नई पीढ़ी को उनकी शिक्षाओं से जोड़ते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा देगी. युवाओं को उनके संदेश— ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत’ से जोड़ने का प्रयास करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार