Dehradun: उत्तराखंड में पिछला साल काफी यादगार रहा, इस दौरान कई ऐसी परियोजना और काम सामने आए जिनके बलबूते पर इस नए साल में देवभूमि सफलता की नई मिसाल गढ़ेगा. जहां एक तरफ इस दौरान कई हादसे घटे जिसमें पूरे देश को स्तब्ध कर दिया तो वहीं दूसरी ओर कई ऐसे काम भी हुए जो आने वाले समय में काम करेगा.
आने वाला साल 2025 न केवल उत्तराखंड बल्कि कई राज्यों के लिए खास रहने वाला है, इस दौरान कई ऐसी परियोजनाएं शुरू हुईं जिसका फायदा इस नए साल में होगा . उत्तराखंड में लायी गई कुछ ऐसी ही गेमचेंजर परियोजनाओं का बारे में बता रहे हैं जो प्रदेश की दशा और दिशा को बदलने का काम करेंगी.
देहरादून दिल्ली इकोनॉमी कॉरिडोर पर सफर होगा आसान: साल 2025 में उत्तराखंड में एक ऐसी परियोजना धरातल पर उतरने वाली है जिसका सीधा फायदा दिल्ली से देहरादून आने वालों को होगा. दोनों राजधानियों के बीच का सफर केवल कुछ ही घंटों का रहने वाला है. इस परियोजना का काम लगभग पूरा हो देशों को भी इन परियोजनाओं से मजबूती मिलेगी. आखिरकार कौन-कौन से हैं वह काम जिन्हें आप साल 2025 में धरातल पर उतरते हुए देखेंगे. साल 2022 से यह परियोजना निरंतर चल रही है. इस रूट पर सफर देहरादून के आईएसबीटी से निकलने वाले इस एक्सप्रेसवे का लास्ट छोर दिल्ली के अक्षरधाम तक होगा.
UP से जोड़ेगी यह बड़ी सड़क: उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली परियोजना इन दिनों काफी चर्चा में छाई हुई है. खुद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी इस पूरे प्रोजेक्ट को कई बार देख चुके हैं. हरिद्वार के चंडी घाट पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. चारधाम यात्रा और गंगा स्नान हर काम के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण है. वर्तमान में इस पुल का 98% काम पूरा हो गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल तक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
यह हाईवे करेगा चीन की चाल को नाकाम: चीन की हर चाल को नाकाम करने के लिए बड़ी परियोजना चल रही है. इसका काम इसी साल 2025 में शुरू हो जाएगा. उत्तराखंड से लेकर नेपाल और तिब्बत की सीमा को छूने वाला 100 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाने का काम इसी साल शुरू हो रहा है. यह हाईवे नेपाल सीमा से ले कर लिपुलेख तक जाएगा जिसके लिए सरकार काफी गंभीर है. केंद्र के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की तरफ से इस परियोजना की मंजूरी भी मिल गई है. इससे न केवल उत्तराखंड से नेपाल और तिब्बत पहुंचने का रास्ता सुगम होगा बल्कि चीन की हर चाल पर ध्यान देकर उसे नाकाम भी किया जा सकेगा.
कनेक्टिविटी के पथ पर इस हाईवे से जुड़ेंगे गांव: गांवो को शहरों से जोड़ने के लिए इस हाईवे का निर्माण बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) करेगी. इसकी खास बात यह है कि यह हाईवे 7120 मीटर ऊंचे त्रिशूल पर्वत के नीचे से होता हुआ आगे की तरफ जाएगा.इसकी लागत 900 करोड़ बताई गई है जोकि उत्तराखंड के कई हिस्सों में कनेक्टिविटी स्थापित करेगा.