नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री माेदी से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पोस्ट किया. इस दौरान प्रदेश के कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि “राष्ट्र उन्नति के महायज्ञ में याज्ञिक की भूमिका का निर्वहन करने वाले, वैश्विक पटल पर मां भारती की कीर्ति पताका लहराकर समस्त देशवासियों को गौरवान्वित करने वाले महान युगद्रष्टा, देश के समग्र विकास के लिए अहर्निश समर्पित रहने वाले राष्ट्रऋषि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में भेंट कर विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया. इस अवसर पर उन्हें मलारी (चमोली) क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्तनिर्मित शॉल एवं पिथौरागढ़ स्थित नारायण आश्रम की प्रतिकृति भेंट की.”
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और सहयोग के लिए प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया. उन्होंने राज्य में संचालित विकास परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के प्रथम चरण पर तेजी से काम जारी है और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है. उन्होंने इन परियोजनाओं की स्वीकृति और वित्तीय व्यय केंद्र सरकार द्वारा उठाए जाने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन को बंद कर सभी ट्रेनों का संचालन नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से करने का अनुरोध किया. पुराने स्टेशन की भूमि का उपयोग सड़क यातायात सुधार के लिए करने का प्रस्ताव भी रखा.
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए जल जीवन मिशन में आवंटित केंद्रीय अंशदान की अवशेष धनराशि जल्द अवमुक्त किए जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग में प्रतिष्ठित शहर के रूप में चयनित करने पर आभार व्यक्त करते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिए राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केंद्र स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में भूतापीय ऊर्जा के विकास के लिए आइसलैंड एंबेसी के सहयोग से एक एमओयू प्रस्तावित है. इस एमओयू पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए सभी तकनीकी और वित्तीय सहयोग राज्य सरकार को प्रदान किए जाने का अनुरोध किया ताकि वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड अहम भूमिका निभा सके.
मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन मंत्रालय के तहत प्रस्तावित परियाेजनाओं-ऋषिकेश बायपास, हरिद्वार बायपास (पैकेज 2), देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी, देहरादून रिंग रोड, चंपावत बायपास, लालकुआं, हल्द्वानी और काठगोदाम बायपास और मानसखंड प्रॉजेक्ट की स्वीकृति के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने का भी अनुरोध किया.
हिन्दुस्थान समाचार