देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर मदरसों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर किये गये हर प्रकार के अतिक्रमण को खत्म किया जाएगा, चाहे वह मदरसा ही क्यों न हो. मदरसों का सत्यापन जिला स्तर पर कराया जा रहा है और इसके तहत उनकी आय के स्त्रोत की भी जांच होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देवभूमि के मूल स्वरूप को बिगड़ने नहीं देंगे.
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, “I would like to thank PM Modi, we had urged him to inaugurate the National Games. PM has agreed to inaugurate the National Games. We also informed him about the winter yatra and urged him to stay here for a day during… pic.twitter.com/MaIXL68aEG
— ANI (@ANI) January 8, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “अवैध चाहे मदरसे हो या चाहे अवैध अतिक्रमण हो. ये किसी भी कीमत पर देवभूमि उत्तराखंड में नहीं होने चाहिए. देवभूमि का मूल स्वरूप बरकरार रखेंगे. यहां के बारे में देश और दुनिया में एक अलग सोच है. यह आस्था और श्रद्धा का स्थान है. धर्म की, अध्यात्म की आयुष की भूमि है. यहां जो अतिक्रमण हुआ है उसे हम हटायेंगे. मदरसों के सत्यापन के लिए आदेश दिया गया है. पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई है. जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान भी निगरानी रख रहे हैं. वेरिफिकेशन ड्राइव भी चलाया जा रहा है. इनकी फंडिंग की भी जांच हो रही है. ”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों की जांच चल रही है. अकेले नैनीताल और हल्द्वानी में ही बड़े स्तर पर इन्हें संचालित किया जा रहा है. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निगरानी में जिला प्रशासन की ओर से पुलिस के सहयोग से मदरसों का सत्यापन कराया जा रहा है. सभी जिला प्रशासन से रिपोर्ट मिलने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग इसे कम्पाइल करेगा और शासन को भेजेगा.
बहरहाल, जांच के दौरान कई मदरसों के अवैध रूप से संचालित होने की बात सामने आ रही है. बड़ी बात यह है कि उत्तर
प्रदेश की सीमा से सटे उत्तराखंड के क्षेत्र में कई ऐसे मदरसे संचालित हो रहे हैं जिसका संचालक यूपी का रहने वाला है. उत्तराखंड पुलिस और जिला प्रशासन ने जब सत्यापन का काम शुरू किया तो ऐसे संचालकों ने अपना ठिकाना बदल लिया और अब वे उत्तराखंड में रहने लगे हैं.
चौंका रहे हैं नंबर
सीमांत क्षेत्र के मदरसों में उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बच्चे पढ़ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो उधम सिंह नगर जिले में 50 से अधिक मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं. इसी तरह नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भी 26 अवैध मदरसों के संचालन की बात सामने आई है. राजधानी देहरादून की बात करें तो अब तक 35 मदरसे अवैध रूप से संचालित होने की बात सामने आई है.
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने किया है फैसले का स्वागत
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने किया स्वागत: उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून काजमी ने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निष्पक्ष हैं और सबका साथ सबका विकास चाहते हैं. सरकार की सारी स्कीम बगैर भेदभाव के लागू हो रही है. यह भी एक प्रक्रिया है कि हम जानें कि जो मदरसे चल रहे हैं उनका स्त्रोत क्या है? वह क्या पढ़ा रहे हैं? उनकी जगह की वैधता है या नहीं? इन सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है. जांच का मतलब यह नहीं कि कोई आपका नुकसान हो रहा है. सरकार यह जानना चाहती है कि आपकी आय का स्त्रोत क्या है? आप बता दीजिये.
हिन्दुस्थान समाचार