नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में अन्य देश भारत की ओर देखने लगे हैं. उन्होंने कहा कि भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है.
#WATCH | 18th Pravasi Bharatiya Divas | PM Narendra Modi in Bhubaneswar today flagged off the inaugural journey of the Pravasi Bharatiya Express, a special Tourist Train for the Indian diaspora
Video source: Railways Minister Ashwini Vaishnaw/X pic.twitter.com/Z1p0DXF1vI
— ANI (@ANI) January 9, 2025
विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की थीम ‘विकसित भारत की संकल्पना में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्य के मंत्रालयों और विभागों की चार प्रदर्शनियों और प्रचार स्टॉलों का उद्घाटन किया.
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की पावन धरती पर पूरे विश्व से आए अपने भारतवंशी परिवार का स्वागत करके की. उन्होंने कहा कि यह भारत में जीवंत उत्सवों और समारोहों का समय है. कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा, मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू के त्योहार भी आने वाले हैं. हर जगह खुशी का माहौल है. इसके अलावा, 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी लंबे समय तक विदेश में रहने के बाद भारत वापस आए थे. ऐसे अद्भुत समय में भारत में आपकी उपस्थिति उत्सव की भावना को और बढ़ा रही है.
भारत में आर्थिक विकास के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मात्र 10 वर्षों में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं. मात्र 10 वर्षों में भारत दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. वह दिन दूर नहीं जब भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत की सफलता को आज दुनिया देख रही है. जब चंद्रयान शिव शक्ति बिंदु पर पहुंचता है तो हमें गर्व होता है. आज दुनिया भारत की डिजिटल इंडिया की शक्ति से चकित है तो हमें गर्व होता है. आज भारत का हर सेक्टर आसमान की ऊंचाई छूने को आगे बढ़ रहा है. 21वीं सदी का भारत, आज जिस गति से आगे बढ़ रहा है. जिस स्केल पर आज भारत में विकास के काम हो रहे हैं, वो अभूतपूर्व है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कौशल संपन्न युवाओं से भरा हुआ देश है. उन्होंने कहा, “भारत के तेज कौशल और आर्थिक विकास को दुनिया भर में देखा जा रहा है. आज का भारत, अपना पक्ष तो मजबूती से रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उठाता है.”
उन्होंने कहा कि दुनिया में जब तलवार के जोर पर साम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां शांति का रास्ता चुना था. हमारी विरासत का ये वही बल है, जिसकी प्रेरणा से आज भारत, दुनिया को ये कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है.
प्रधानमंत्री ने भारतीय डायस्पोरा को भारत का राष्ट्रदूत बताते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में वह दुनिया के कई नेताओं से मिले. उन्होंने कहा कि दुनिया का हर नेता अपने देश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की तारीफ करता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आप उनके समाज में सामाजिक मूल्य जोड़ते हैं.
भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है. हमें विविधता सिखानी नहीं पड़ती, हमारा जीवन ही विविधता से चलता है. भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं. भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के नियम और परंपरा का सम्मान करते हैं. हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं. इस सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है.
प्रवासी भारतीयों के लिए केंद्र सरकार के कामों को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपकी सुविधा और आराम को बहुत महत्व देते हैं. आपकी सुरक्षा और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. संकट की स्थिति में अपने प्रवासी भारतीयों की मदद करना हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं, चाहे वे कहीं भी हों. यह आज भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है. पिछले एक दशक में, हमारे दूतावास और कार्यालय दुनिया भर में संवेदनशील और सक्रिय रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले कई देशों में लोगों को कांसुलर सुविधाओं का उपयोग करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. उन्हें मदद के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था. अब ये समस्याएं हल हो रही हैं. पिछले दो वर्षों में ही 14 दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं. ओसीआई कार्ड का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है. इसे मॉरीशस के 7वीं पीढ़ी के पीआईओ तक बढ़ा दिया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वह जब अगली बार भारत आएं तो अपने साथ भारतीय मूल से बाहर के कम से कम पांच मित्रों को लेकर आएं. आप जहां रहते हैं वहां अपने मित्रों को भारत आने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने डायसपोरा के युवा मित्रों से भारत को जानिए क्विज में हिस्सा लेने और स्टडी इन इंडिया प्रोगाम का लाभ लेने की भी अपील की. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत प्रवासी भारतीयों से विदेशों में अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस का यह संस्करण एक अतिरिक्त कारण से विशेष है. हम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के कुछ ही दिनों बाद यहां एकत्र हुए हैं. इस कार्यक्रम के पीछे उनकी दूरदर्शिता महत्वपूर्ण थी. यह भारत और उसके प्रवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाली संस्था बन गई है. हम एक साथ मिलकर भारत, भारतीयता, अपनी संस्कृति, अपनी प्रगति का जश्न मनाते हैं और अपनी जड़ों से जुड़ते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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