नई दिल्ली: डॉलर इंडेक्स में आई तेजी, स्टॉक मार्केट में आई कमजोरी और कच्चे तेल की कीमत में आए उछाल के कारण भारतीय मुद्रा में डॉलर की तुलना में शुक्रवार को 6 पैसे की गिरावट आ गई. भारतीय मुद्रा आज डॉलर के मुकाबले 86.61 रुपये के स्तर पर बंद हुई. इसके पहले पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को भारतीय रुपया 86.55 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था.
मुद्रा बाजार में आज भारतीय रुपया दो पैसे की कमजोरी के साथ 86.57 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला. दिन के कारोबार में रुपया मजबूत होकर 86.55 के स्तर तक पहुंचा, वहीं डॉलर की मांग बढ़ जाने पर भारतीय मुद्रा 86.63 रुपये के स्तर तक टूट भी गई. अंत में भारतीय मुद्रा ने दिन के निचले स्तर से दो पैसे की रिकवरी करके 86.61 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया.
मुद्रा बाजार के जानकारों का मानना है कि डॉलर इंडेक्स में आई तेजी और कच्चे तेल की कीमत में आए उछाल के कारण आज रुपये पर दबाव बढ़ गया. इसी तरह घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली का दबाव बनाकर अपना पैसा निकालने की कोशिश की, इसलिए डॉलर की मांग तेज होने की वजह से रुपये पर दबाव बढ़ गया. हालांकि, दिन के दूसरे सत्र में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के स्टॉक मार्केट में लिवाली करने की वजह से डॉलर की मांग में कमी आई, जिसके कारण रुपया भी निचले स्तर से दो पैसे की रिकवरी करने में सफल रहा.
मार्केट एक्सपर्ट अंशुमान चौधरी का कहना है कि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में आई गिरावट की वजह से आज डॉलर इंडेक्स 108.96 के स्तर से बढ़कर 109.25 के स्तर तक पहुंच गया. इस वजह से भारतीय मुद्रा समेत ज्यादातर देशों की मुद्राओं पर दबाव बढ़ गया. अंशुमान चौधरी का मानना है कि ग्लोबल मार्केट की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमत में लगातार आ रही तेजी के कारण आने वाले दिनों में रुपये पर लगातार दबाव की स्थिति बनी रह सकती है. इसके साथ ही इंपोर्टर्स की ओर से भी डॉलर की मांग में तेजी आने की उम्मीद बनी हुई है. ऐसी स्थिति में अगर भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को सपोर्ट करने के लिए मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ा दे, तो रुपये की कीमत को काफी सहारा मिल सकता है. हालांकि, रिजर्व बैंक की ओर से अभी तक इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया है कि वो रुपये की कीमत में लगातार आ रही गिरावट पर लगाम लगाने के लिए हस्तक्षेप करेगा या नहीं.
हिन्दुस्थान समाचार