नैनीताल: नैनीताल के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक मेहरा को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए. इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उच्च न्यायालय बार संघ ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी.
देश के कानून मंत्री ने बुधवार देर शाम आलोक मेहरा को न्यायाधीश बनाए जाने की घोषणा की. उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम ने अक्टूबर 2023 में उनकी नियुक्ति की संस्तुति की थी, लेकिन मामला पिछले 15 महीनों से लंबित था. अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद उनके न्यायाधीश बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. संभावना है कि उनका शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को आयोजित किया जाएगा.
विधि विशेषज्ञ के रूप में आलोक मेहरा की यात्रा
उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना के समय से ही आलोक मेहरा इस न्यायालय में वकालत कर रहे हैं. उन्हें सिविल, सेवा, राजस्व और संवैधानिक मामलों में गहन अनुभव प्राप्त है. फरवरी 1972 में नैनीताल में जन्मे आलोक मेहरा का परिवार न्यायिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है. उनके पिता स्व. गोपाल सिंह मेहरा प्रसिद्ध अधिवक्ता थे, जिन्होंने नैनीताल जिला अदालत में 63 वर्षों तक वकालत की और उत्तराखंड बार काउंसिल के संस्थापक सदस्य रहे. उनकी मां धना देवी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला में प्रधानाचार्य रहीं.
उनके दादा स्व. धरम सिंह मेहरा भी राजस्व विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे. इस समृद्ध पृष्ठभूमि में पले-बढ़े आलोक मेहरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज से प्राप्त की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल से पूरी की. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने एमबी पीजी कॉलेज हल्द्वानी से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. वर्ष 1998 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1999 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में अपना पंजीकरण कराया.
कानूनी क्षेत्र में अनुभव और परिवार
आलोक मेहरा ने वकालत की शुरुआत नैनीताल जिला अदालत से की, जहां उनके मार्गदर्शक वरिष्ठ अधिवक्ता एमबी सिंह रहे. एमबी सिंह अब भी जिला अदालत में सक्रिय रूप से वकालत कर रहे हैं. उनके चाचा जीवन सिंह मेहरा भी लंबे समय तक नैनीताल में जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) के पद पर कार्यरत रहे.
उनकी पत्नी गृहणी हैं, जबकि दो पुत्रियां और एक पुत्र अभी अध्ययनरत हैं. मूल रूप से मेहरागांव, भीमताल के निवासी आलोक मेहरा वर्तमान में तल्लीताल हल्द्वानी रोड पर रहते हैं, जबकि उनका एक आवास जगतपुर गौलापार में भी स्थित है. उनकी नियुक्ति को नैनीताल और उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है. अधिवक्ताओं, न्यायविदों और क्षेत्र के लोगों में इस खबर से उत्साह का माहौल है.
हिन्दुस्थान समाचार