नई दिल्ली: कोलकाता नगर निगम के शिक्षा विभाग ने 25 फरवरी को एक आदेश जारी करते हुए विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द कर दिया. और इसके बदले ईद पर एक्ट्रा करते हुए डबल लीव दे दी गई. यह आदेश निगम के सभी हिंदी मीडियम स्कूलों के लिए था. बीजेपी ने जब इसका जमकर विरोध किया तो निगम प्रशासन ने इस आदेश को रद्द कर दिया और सफाई दी कि यह अनजाने में हुई टाइपिंग मिस्टेक थी.
निगम कमिश्नर ने मीडिया नोट में कहा कि ये आदेश सक्षम प्राधिकारी की सहमति के बिना जारी किए थे और निगम इस मामले को गंभीरता से ले रहा है. इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की उन्होंने बात कही साथ ही कोलकाता नगर निगम ने कहा है कि अब छुट्टियों की नई लिस्ट जारी की जाएगी.
निगम के लेटहेड पर जारी आदेश पर शिक्षा विभाग के मुख्य प्रबंधक के हस्ताक्षर है. आदेश में लिखा गया है कि 17 सिंतबर 2025 को विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी नहीं होगी क्योंकि ईद उल फितर पर लीव बढ़ा दा गई है. बता दें 31 मार्च को ईद उल फितर पर छुट्टी है लेकिन नगर निगम ने विश्वकर्मा की छुट्टी रद्द कर 1 अप्रैल को ईद पर एक्ट्रा छुट्टी दे दी.
जिसके बाद विपक्षी दल बीजेपी ने इस मुद्दों को जोरो-शोरों से उठाया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी टीएमसी, आने वाले चुनावों में सियासी लाभ लेने के लिए तुष्टिकरण का खेल खेल रही है. बता दें कोलकाता नगर निगम के मेयर वर्तमान में फिरहाद हकीम है जो टीएमसी के नेता है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी चीफ जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि बंगाल में कोई भी अधिकारी निजी तौर पर ऐसा आदेश जारी नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा हम जानना चाहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी को ऐसा आदेश जारी करने के लिए किसने दबाव दिया. बीजेपी का कहना है कि जब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया तभी KMC को इस आदेश को रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ा.
बता दें इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मत्युकुंभ कहा था. जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर आस्था के महापर्व पर ऐसी टिप्पणी की थी. ममता ने महाकुंभ में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए थे और महाकुंभ को मत्युकुंभ बता दिया था.