Holi 2025: सामाजिक सौहार्द व रंगों का त्योहार होली की हर जगह धूम है, लोग घरों में तैयारियों में भी जुट गये हैं. वहीं बाजार रंग व गुलाल के साथ तमाम तरह की पिचकारियों से गुलजार है. पिचकारियों में पुष्पा के फरसे और महादेव के त्रिशूल जैसी दिखने वाली पिचकारी की खासकर बच्चों में जमकर मांग है.
यही नहीं इस बार खास बात यह भी है कि पटाखों में भरे रंग बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं, जो दगते ही रंग व गुलाल बरसाएंगे. यह सब प्रोडक्ट दिल्ली मेड प्रोडक्ट बताए जा रहे हैं. जिसने बाजार पर पकड़ बना रखी है. इसके अलावा नन्हे-मुन्हों को रंगकर रील्स बनाने वालों के लिए कलर किट भी बाजार में मौजूद है.
घरों से बाहर निकल कर लोग कर रहे हैं खरीदारी
होली का त्योहार नजदीक आते ही सभी जगहों पर पिचकारियों व रंगों का बाजार गुलजार हो जाता है. इस बार भी खुशी-खुशी लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं. सबसे अधिक बच्चों को अबकी बार पुष्पा के फरसे और महादेव के त्रिशूल जैसी दिखने वाली पिचकारी पसंद आ रही हैं. बताते चलें कि शहर में पिचकारियों और रंगों के लिए मेस्टन रोड बड़ा बाजार है.
थोक और फुटकर विक्रेता आरिफ ने बुधवार को बताया कि इस बार फायर स्मोक और हैंड स्मोक बारूद वाले पटाखे व बम लोकप्रिय हैं. इनकी जबरदस्त मांग है जो तीन सौ से लेकर सात सौ रुपए तक में बिक रहे हैं. इनको फोड़ने पर सूखा रंग व गुलाल लोगों के ऊपर बरसेगा जो अलग ही दिखेगा. इसी तरह पुष्पा के फरसे और महादेव के त्रिशूल वाली पिचकारियों की मांग अधिक है.
मोदी और योगी वाली पिचकारी भी लुभा रहीं
होली का त्योहार हो या दीपवाली राजनीति के धुरंधर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के बिना अधूरा रहता है. इस बार भी युवाओं को मोदी-योगी वाली पिचकारियां लुभा रही हैं. मोदी और योगी की लोकप्रियता को देखते हुए डबल इंजन की सरकार और मोदी-योगी के स्टीकर लगी पिचकारियां जमकर बिक रही हैं.
हर्बल रंगों की बढ़ी मांग
ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी केमिकल युक्त रंगों की मांग है, लेकिन शहर में हर्बल रंगों को सबसे अधिक मांगा जा रहा है. इससे पता चलता है शहरी लोग त्वचा के प्रति संवेदनशील हो गये हैं. इस बार हाथ से गीला रंग लगाने के बजाए स्प्रे कलर ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं.
हिन्दुस्थान समाचार