Char Dham Yatra 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को देवभूमि के धामों का दर्शन कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा उनके शीर्ष प्राथमिकता में है. चारधाम यात्रा को लेकर अभी से ठोस रणनीति बनाई जा रही है.
हाल ही में उत्तराखंड सेवा समिति की ओर से आगामी सफल एवं मंगलमय चार धाम यात्रा के लिए आयोजित ” संगीतमय सुंदर कांड पाठ” में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई बातें कही हैं.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आगामी चारधाम यात्रा को लेकर भी अत्यंत उत्साही है. हमने गत वर्ष 2024 की चार धाम यात्रा की समापन के बाद ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी थी. वहीं प्रदेश में सिंगर यूज प्लास्टिक फ्री जोन घोषित करने के लिए भी पूरी रूपरेखा दिखाई गई है. इसके लिए रणनीतिक स्तर पर काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा की पुख्ता व्यवस्थाओं के लिए सरकार की ठोस और गंभीर रणनीति को लेकर स्वयं कल तीसरी बार चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठक लेने जा रहे हैं. शुरुआत के दिनों में यात्रा का संचालन थोड़ा कठिन होता है.
सीएम ने आगे कहा कि पिछले सालों में भी हमें केदार घाटी में एक बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा. लगभग 29 स्थानों पर सड़क एवं पुल क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन सरकार की सतर्कता एवं प्रयासों से सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहे. हमने 35 दिनों तक युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए यात्रा को दूसरे चरण में पुनः प्रारंभ कर दिया. देश और दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने भी हमारे प्रयासों की सराहना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से इस वर्ष से हमने शीतकालीन चार धाम यात्रा भी आरंभ कर दी. अब देवभूमि उत्तराखंड में 12 महीने चार धाम यात्रा संचालित रहेगी, जो राज्य की संस्कृति एवं पर्यटन के उन्नति के साथ ही आर्थिकी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
वहीं चार धाम यात्रा में मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने भी साफ किया है कि सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये निजी क्षेत्र के मेडिकल संस्थानों की भी भगीदारी भी सुनिश्चित करने को कहा है.
उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान निजी क्षेत्र के 40 विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जायेगी, इसके लिये प्राइवेट मेडिकल संस्थानों से बात की गई है. इन चिकित्सकों को रोटेशन के आधार पर 15-15 दिन के लिये चार धाम यात्रा मार्गों पर तैनात किया जायेगा. जिसमें फिजिशियन, ऑर्थोपेडिशियन और गायनकोलॉजिस्ट शामिल है.
हिन्दुस्थान समाचार