लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनैतिक दल जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी मिशन 2024 को साधने में जुटी हुई है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की 23 विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में आगामी चुनाव में इन सीटों पर जीत सुनिश्चित कराने का जिम्मा सांसदों को सौंपा गया है. इनमें लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के सांसद भी शामिल हैं.
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के उत्तराखंड दौरे के बाद पार्टी ने इन 23 सीटों के लिए एक नया प्लान बनाया है. राज्य में भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा के 8 सांसद हैं. प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा तैयार किए गए प्लान के तहत सांसदों को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र बांटे गए हैं. इन क्षेत्रों में सांसद भ्रमण करेंगे. रात्रि प्रवास करेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. सांसद केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर भी जानकारी हासिल करेंगे कि आखिर किस तरह से अधिकारी वहां काम कर रहे हैं.
राज्य सभा अनिल बलूनी को प्रताप नगर, चकराता और हल्द्वानी, पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर व खानपुर विधानसभा, पूर्व सीएम और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को बद्रीनाथ व द्वाराहाट विधानसभा, टिहरी सांसद महारानी माला राजलक्ष्मी शाह को यमुनोत्री, अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को लोहाघाट, धारचूला, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा, केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट को खटीमा, नानकमत्ता व किच्छा विधानसभा, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर और बाजपुर विधानसभा, और राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी को लक्सर, झबरेड़ा और जसपुर विधानसभा में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
उत्तराखंड सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं को जल्द ही दायित्व बांट सकती है. लंबे समय से भाजपा कार्यकर्ताओं को इंतजार है कि आखिरकार कब सरकार में उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी. उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री हाईकमान से मुलाकात करके आ चुके हैं. दायित्व को लेकर उनकी और मुख्यमंत्री की बातचीत भी हो गई है. इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी इस संदर्भ में बात हो गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री दायित्वों की प्रथम सूची जारी कर सकते हैं. प्रदेश में बहुत सारे निगम और आयोगों में इस वक्त पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि पहली सूची में करीब 20 लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है.