‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा निर्माण में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। भारतीय वायुसेना द्वारा पी-7 ‘हैवी ड्रॉप सिस्टम’ का सफल परीक्षण किया गया है। पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम की मदद से अब युद्ध में सात टन तक वजनी साजो सामान को पैराशूट के जरिए आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। इस हैवी ड्रॉप सिस्टम को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानि डीआरडीओ की सहयोगी इकाई एरियल डिलिवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट और आयुध पैराशूट निर्माणी कानपुर ने मिलकर विकसित किया है।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम देश के पहले ऐसे पैराशूट हैं, जो सात टन वजन तक का सामान किसी भी दुर्गम स्थान पर उतार सकते हैं। इनका ऊपरी कवर इस तरह से बनाया गया है, जिससे ये कंटीले झाड़ और नुकीले पत्थर के बीच भी उतर पाएंगे। क्योंकि इनके निर्माण में स्पेशल नायलॉन फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया है।
खास बात यह है कि इस सिस्टम को 100 फीसदी स्वदेशी संसाधनों के साथ विकसित किया गया है। वहीं इसे सेना में शामिल कर लिया गया है। इस पैराशूट प्रणाली में पांच मुख्य कैनोपीज, पांच ब्रेक शूट, दो सहायक शूट और एक एक्सट्रैक्टर पैराशूट का एक समूह शामिल है।