वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति अस्थायी रहने की संभावना है। सरकार इसके लिए कई कदम उठा रही है। सरकार नई फसलों के आने के बाद उसकी कीमतों को कम कर देगी। वैसे वैश्विक अनिश्चितता की वजह से आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की दर बढ़ सकती है।
इसके आगे मंत्रालय ने कहा कि आने वाले कुछ महीने में घरेलू खपत और निवेश की मांग से विकास जारी रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए बनाए गए प्रावधान से अब निजी निवेश में बढ़ोतरी हो रही है।
खुदरा महंगाई जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जुलाई 2023 में यह 7.44 फीसदी था। पिछले महीने कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, मुख्य मुद्रास्फीति 39 महीने के निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही।
अनाज, दालों और सब्जियों में जुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। घरेलू उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है। कर्नाटक के कोलार जिले में सफेद मक्खी रोग के कारण टमाटर की आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट आई है। इसके अलावा उत्तर भारत में मानसून के तेजी से आने के कारण भी टमाटर की कीमतों में उछाल आया है।
मंत्रालय ने कहा कि खरीफ सीजन 2022-23 में तुअर दाल के कम उत्पादन की वजह से इनकी कीमतों में तेजी आई है। सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं। जैसे ही बाजार में ताजा स्टॉक आता है वैसे ही खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आ सकती है। इसके अलावा वैश्विक अनिश्चितता ने भी महंगाई पर असर डाला है। ऐसे में सरकार और आरबीआई को अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।
साल 2014 के बाद जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति दर ऊंची पहुंच गई है। केवल 48 फीसदी खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से ऊपर हो गई है। वहीं, दोहरे अंकों में मुद्रास्फीति के साथ 14 खाद्य वस्तुएं ही शामिल हैं। जुलाई में टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और लहसुन जैसी वस्तुओं में 50 फीसदी से ज्यादा महंगा हो गया है। इस वजह से जुलाई 2023 में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति हुई है।
अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में टमाटर के नए स्टॉक आ जाएंगे। ऐसे में टमाटर की कीमतों में गिरावट की संभावना है। इसके अलावा अरहर दाल के आयात में बढ़ोतरी से दालों की महंगाई में भी कमी आने की उम्मीद है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से जल्दी ही टमाटर की कीमतों के साथ बाकी वस्तुओं की कीमतों में भी नरमी देखने को मिल सकती है।