केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सुधार नीति में प्रभावशीलता निरंतरता से जारी रहती है, जिसमें व्यक्तिगत और प्रणालीगत दक्षता दोनों पर ध्यान देना समय की मांग है. उन्होंने गुजरात में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के तीन दिवसीय चिंतन शिविर के तीसरे और अंतिम दिन अपने समापन भाषण में ये बात कही. सूचना की अधिकता को प्रभावशीलता और दक्षता के लिए प्रतिकूल बताते हुए सीतारमण ने कहा कि दोनों मंत्रालयों को न केवल सरकारी दृष्टिकोण, बल्कि पूरे देश के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रयास करना चाहिए.
सीतारमण ने वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों से अगले 24 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए परिणाम देने के साधन विकसित करने के लिए नए और युवा सहयोगियों को लगातार सलाह देने का आह्वान किया.
केंद्रीय मंत्री ने दक्षता के साथ प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक संदर्भ में नीति को लगातार पुन: पेश करने और निर्णय लेने में स्वामित्व की भावना पैदा करने की जरूरत पर भी जोर दिया.