सनातन धर्म में पूर्णिमा की तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग पवित्र नदियों में स्नान दान और तर्पण करते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक सावन माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त सुबह 10 :58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7:05 पर समाप्त होगा. इतना ही नहीं सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है. इसे श्रावणी पूर्णिमा भी कहा जाता है.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है.
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान दान करने से जातक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. साथ ही इस दिन जरूरतमंद असहाय गरीब लोगों को दान करने से अक्षय पुण्य की भी प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं है इस दिन तर्पण आदि कर्म करने का भी महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक सावन पूर्णिमा के दिन तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इसके साथ ही ग्रह दोष से मुक्ति भी मिलती है.