अगले वर्ष जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में बजरंग सेतु बनकर तैयार हो जाएगा. 68 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 132.50 मीटर स्पान के इस पुल का निर्माण कार्य पिछले वर्ष जनवरी से शुरू किया गया था. करीब 57 मीटर ऊंचाई वाले इस पुल का 70 फीसदी कार्य पूरा हो गया है.
लक्ष्मणझूला पुल 92 साल पुराना हो गया था. जर्जर स्थिति में पहुंचने पर इस पुल को प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पिछले साल बंद कर दिया था. पुल के बंद होने से स्वर्गाश्रम और तपोवन क्षेत्र के बीच आवागमन को लेकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दिक्कत हो रही है. पर्यटकों व स्थानीय लोगों को दो किमी दूर रामझूला से आवागमन करना पड़ रहा है. वर्तमान में रामझूला पुल की सुरक्षा की दृष्टि से दोपहिया वाहनों का आवागमन बंद किया गया है. जिससे समस्या और अधिक बढ़ गई है.
लक्ष्मण झूला पुल के पास ही बजरंग सेतु का निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसका करीब 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है. लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर के अधिकारियों का कहना है कि पुल का स्ट्रक्चर चंडीगढ़ में तैयार कर दिया गया है. जिसके अधिकांश पार्ट्स भी पहुंच चुके हैं. अभी कुछ सिविल वर्क रह गया है. जो इस वर्ष के दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा. अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह से पुल पर आवागमन शुरू हो जाएगा. हालांकि, पुल का निर्माण इसी साल जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य था.
बजरंग सेतु ऋषिकेश क्षेत्र का एक नायाब पुल होगा. इसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए पुल के दोनों ओर कांच के फुटपाथ होंगे. दोनों किनारों पर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ 65 एमएम मोटे कांच से बनाए जाएंगे. वहीं पुल के टावर पर केदारनाथ धाम की आकृति होगी. कांच की फुटपाथ वाला यह उत्तर भारत का पहला पुल होगा. पुल पर हल्के चौपहिया वाहन भी चलेंगे.
पुल निर्माण का 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है. 30 फीसदी सिविल कार्य बाकी है. इसी वर्ष दिसंबर के अंत तक कार्य पूरा हो जाएगा और अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में पुल पर आवागमन शुरू करवा दिया जाएगा. – आशुतोष, अधिशासी अभियंता, लोनिवि नरेंद्रनगर