ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं, बालिकाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता व सुविधा के उद्देश्य से 600 सैनेटरी नैपकिन पैड वेंडिंग मशीन लगाए जा रहे हैं. यह वेंडिंग मशीनें आंगनबाड़ी केंद्रों व विभिन्न स्कूलों में लगाएं जाएंगे. मशीनें लगाने से पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जागरुकता के अभाव में मासिक धर्म के दौरान महिलाएं कपड़े आदि का प्रयोग करती हैं. जो उनके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है. महिलाओं की झिझक व स्वास्थ्य जागरुकता को ध्यान में रखते हुए जिले के 11 ब्लाकों में वेंडिंग मशीनें लगाई जा रही है. इन जगहों पर बालिकाओं व महिलाओं को आसानी से पैड भी मिल जाएंगे. उन्हें दुकानों के चक्कर नहीं काटने होंगे.
वेंडिंग मशीन से पांच रुपए में दो पैड मिल जाएंगे. जो बाजार भाव से काफी सस्ता होगा। वेंडिंग मशीनों के केंद्रों में सफल संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि छात्राओं को इंफेक्शन से बचाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं.
अधिकतर लड़कियों में नैपकिन खरीदने को लेकर संकोच रहता है. वह मेडिकल स्टोर में जाकर सैनेटरी नैपकिन लेने से परहेज करती हैं. ऐसे में यह मशीनें सहायक बन सकेंगी. अभी भी मासिक धर्म को लेकर कई भ्रांतियां है. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर जनजागरुकता के कार्यक्रम भी चलाएं जाएंगे.
सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन से सेनेटरी नैपकिन मिल जाएगा. उपयोग किए गए नैपकिन को नष्ट करने के लिए सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर मशीन भी लगाई जाएगी. इसके उपयोग किए जाने से नैपकिन को सुरक्षित तरीके से डिस्पोज किया जा सकेगा.
वेंडिंग मशीनें लगनी शुरु हो गई है. जल्द ही सभी केंद्रों व विद्यालयों में यह लगा दी जाएगी. प्रशिक्षण का कार्य भी पूरा किया जा चुका है. -पितांबर प्रसाद, जिला बाल विकास अधिकारी, अल्मोड़ा