चंद्रमा पर प्रयोग कर रहे लैंडर विक्रम में लगे उपकरण रंभा-एलपी ने बताया है कि उसे दक्षिणी ध्रुव पर प्लाज्मा की मौजूदगी अपेक्षाकृत रूप से कम मिली है. इसरो ने इसे लेकर एक शुरुआती रिपोर्ट बृहस्पतिवार को जारी की. इस जानकारी व परीक्षण डाटा के आधार पर भविष्य के चंद्र यात्रियों के अभियानों के लिए बेहतर उपकरण और संचार प्रणाली बनाने में मदद मिल सकती है.
इसरो ने बताया कि उपकरण ‘रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमोस्फीयर-लैंगम्यूर प्रोब’ (रंभा-एलपी) ने दक्षिणी ध्रुव की चंद्र सतह पर पहली बार कोई परीक्षण किया. सामने आया कि सतह के निकट प्लाज्मा की मात्रा काफी कम है. यह जानकारी रेडियो तरंगों पर आधारित संचार प्रणाली में मदद कर सकती है. भविष्य के चंद्र यात्रियों के लिए बेहतर डिजाइन के उपकरण बनाने में भी मदद मिलेगी. रंभा-एलपी को तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला ने विकसित किया है.
विमान में इसरो प्रमुख सोमनाथ का हुआ स्वागत : इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ का एक उड़ान के दौरान विमान के क्रू सदस्यों और यात्रियों ने शानदार स्वागत किया. इस मौके का एक वीडियो एयर होस्टेस पूजा शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसमें नजर आ रहा है कि यात्री तालियां बजाते हुए सोमनाथ को सराह रहे हैं.