केदारनाथ यात्रा सुचारू है. हालांकि कुछ दिन से खराब मौसम ने यात्रा की रफ्तार को धीमा कर दिया था, लेकिन आज शनिवार सुबह 8 बजे तक सोनप्रयाग से 2726 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया. यात्रा में मौसम बड़ी चुनौती बना हुआ है. सरकार की ओर से भी तीर्थयात्रियों से मौसम का अपटेड लेकर आने की ही अपील बार-बार की गई.
बहुत दिनों मौसम खुला तो यात्रियों ने भी राहत की सांस ली. इसी के साथ श्रद्धालु एक बार धाम पहुंचने लगे. हालांकि मौसम एक बार फिर करवट लेगा. उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में शनिवार को हल्की बारिश की संभावना है. मौसम विभाग की ओर से बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पर्वतीय इलाकों में गर्जना और बिजली चमकने के साथ बारिश हो सकती है. हालांकि, मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं.
त्तराखंड में दस साल बाद अगस्त में सबसे कम बारिश हुई. महीनेभर में राज्य में बारिश का आंकड़ा सामान्य से आठ फीसदी कम रहा. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, बंगाल की खाड़ी में स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं बना। इसके चलते राज्य में कम बारिश हुई.
इस साल मानसून ने पांच दिन की देरी से उत्तराखंड में दस्तक दी थी. हालांकि, प्रदेश के कुछ जिलों में जमकर बारिश हुई. जबकि, कुछ जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य से कम रहा. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी कम होने के साथ बारिश ज्यादा हुई है. इस साल अगस्त में 353.9 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से आठ फीसदी कम है.
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, अगस्त में बारिश कम होने का कारण अलनीनो का सक्रिय होना भी बताया जा रहा है. जब-जब अलनीनो सक्रिय होता है, तब-तब भारत में मानसून कमजोर पड़ जाता है.