मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को सत्र में पूरी तैयारी के साथ आने को कहा. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सदन में सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देगी. रणनीति बनी कि जिन मुद्दों पर विपक्ष हमलावर रुख अख्तियार करेगा, सत्तापक्ष के मंत्री व सदस्य उस पर पलटवार करने से नहीं चूकेंगे. भाजपा सदस्यों से अपेक्षा की गई कि वे अपने क्षेत्र विशेष से जुड़े मुद्दों को उठाते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि सरकार को असहज न होना पड़े.
सोमवार को आयोजित बैठक में उन मुद्दों पर चर्चा हुई, जिन्हें सदन में विपक्ष उठा सकता है. इनमें अंकिता हत्याकांड, आपदा से हुई क्षति, लोकायुक्त बनाने का मामला, भर्ती घोटाला, हाल ही में चकराता और पुरोला में हुए पेड़ों के अवैध कटान के मामले प्रमुख हैं. इन सभी मुद्दों पर सरकार के स्तर पर की गई कार्रवाई की सदस्यों की जानकारी दी गई.
विधानसभा के तीन दिन के सत्र में विपक्ष कम समय में अधिक से अधिक मुद्दे सदन में उठाना चाहता है, लेकिन सत्र की कम अवधि उसे ऐसा करने से रोक सकती है. विपक्षी सदस्य पहले दिन ही सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करेंगे. प्रदेश में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगाने, आपदा में हुए नुकसान और बेरोजगारी जैसे मुद्दे विपक्ष के प्रमुख एजेंडे में शामिल किए गए हैं. कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक सोमवार देर शाम नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के हाथीबड़कला स्थित शासकीय आवास पर हुई.
बैठक में कांग्रेस के 19 में से 17 विधायकों ने भाग लिया. विधायक मदन बिष्ट और मयूख महर बैठक में नहीं पहुंच पाए. बैठक में पहले दिन का एजेंडा तय किया गया और सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों को प्रमुखता दी गई. अतिक्रमण हटाओ अभियान, आपदा और बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पार्टी के प्रमुख मुद्दों में रहेगा.
इसके अलावा महंगाई, कानून व्यवस्था, विशेषकर महिला उत्पीड़न, आपदा पीड़ितों को मुआवजा, उनके पुनर्वास को लेकर भी सदस्यों की ओर से सवाल लगाए गए हैं. पार्टी लोकायुक्त का मुद्दा भी उठाएगी. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि पहले दिन श्रद्धांजलि सभा होगी, जिसमें पार्टी के विधायक भी चर्चा में भाग लेंगे. अगले दिन का एजेंडा सत्र शुरू होने से पहले छह तारीख को ही तय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विपक्षी सदस्यों के पास सवाल बहुत हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार ने सीमित अवधि का सत्र आहूत किया है, उन्हें सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद कम ही है.