‘दिव्यांग होना मेरी किस्मत में था, लेकिन UPSC पास करके IAS बनना मेरे हाथ में’ यह कहना है अखिला बीएस का, जो एक हाथ खोने के बावजूद यूपीएससी पास करके अफसर बन गई हैं.
अखिला बीएस की सक्सेस स्टोरी उन लोगों के लिए भी प्रेरणादायी हैं, जो अपनी शारीरिक कमजोरी के आगे हार मान जाते हैं. उसे सफलता की राह में रोड़ा मानकर मेहनत करना छोड़ देते है
अखिला बीएस केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं. संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में अखिला ने 760वीं रैंक हासिल की है. इन्हें भारतीय अंकेक्षण एवं लेखा सेवा सर्विस कैडर मिला है. यूपीएससी में अखिला का तीसरा प्रयास था. साल 2020 व 2021 में प्री भी पास नहीं कर पाई थीं. अखिला बीएस तिरुवनंतपुरम के कॉटन हिल गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक के बुहारी और सजीना बीवी की बेटी हैं.
अखिला बीएस का 11 सितंबर, 2000 को एक्सिटेंड हो गया था. हादसे के बाद अखिला का ऑपरेशन हुआ, जिसमें डॉक्टरों को उसका कंधे से नीचे अपना दाहिना हाथ काटना पड़ा था. हालांकि उसके हाथ को बचाने के लिए जर्मनी के डॉक्टरों की मेडिकल टीम भारत भी आई थी, मगर हाथ को बचाया नहीं जा सका.
करीब पांच साल की उम्र में एक हाथ खो देने के बावजूद अखिला ने हिम्मत ने नहीं हारी और बाएं हाथ से अपने सारे दैनिक कार्य पूरे करने के साथ-साथ पढ़ाई करने लगी. अखिला ने आईआईटी मद्रास से इंटीग्रेटेड एमए किया। फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की. अखिला ने बैंगलोर से यूपीएससी की तैयारी की और फिर केरल वापस आकर तिरुवनंतपुरम स्थित संस्थान की मदद से यूपीएससी की तैयारी की. IAS बनने का ख्वाब सजाए अखिला के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीन-चार घंटे लगातार बैठना था, जिससे उसे काफी तकलीफ होती थी.