छींकना एक नेचुरल प्रोसेस है. दुनिया में हर इंसान को छींक आती है. जब इंसान छींकता है तो अपनी बॉडी से गंदगी को बाहर फेंक देता है. कई बार सांस लेते हुए नाक में डस्ट चला जाता है. या फिर कोई बहरी चीज जब नाक के अंदर सुरसुराहट पैदा करती है, तब छींक आती है. छींकने के दौरान इंसान की बॉडी को एक शॉक लगता है. हालांकि, ये झटका काफी कम होता है. कई बार जब इंसान छींकता है तो उसकी बॉडी में तेज सिहरन होती है. कहने का मतलब ये है कि छींकने के दौरान इंसान की बॉडी पर प्रेशर पड़ता है.
ऐसे में ज़रा सोचिये कि अगर कोई इंसान एक दिन में हजार बार से ज्यादा छींके तो? जी हां, टेक्सास की रहने वाली केटलिन ऐसे ही समस्या के साथ लोगों के सामने आई थी. 2015 में उसने एक टीवी शो में इंटरव्यू दिया था. वहां उसने बताया कि एक दिन में उसे बारह हजार से ज्यादा बार छींक आती है. इस वजह से उसकी लाइफ काफी डिस्टर्ब हो गई थी. वो ना तो स्कूल जाए पाती थी ना किसी दोस्त से मिल पाती थी. इसकी वजह से वो काफी अकेली हो गई थी.
वैसे तो छींकना इंसान की लाइफ का एक हिस्सा है लेकिन केटलिन की दुनिया इसकी वजह से तहस-नहस हो गई थी. वो एक दिन में बारह हजार से ज्यादा बार छींकती थी. उसने बताया कि छींकने की समस्या के कारण उसे काफी दिक्क्त होने लगी थी. वो एक बार में एक सेंटेंस भी बोल नहीं पाती. बीच में ही उसे छींक आने लगती थी. केटलिन जब अपना इंटरव्यू दे रही थी, उस बीच भी उसे ऐसे ही छींकें आनी शुरू हो गई. इसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर 2015 का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है. हालांकि, कुछ लोगों ने केटलिन की अभी की स्थिति भी पता करने की कोशिश की लेकिन उसकी किसी को जानकारी नहीं मिली. केटलिन को इतनी छींकें क्यों आती थी इसका पता तो नहीं चल पाया लेकिन ऐसी ही समस्या से ग्रसित एक अन्य लड़की का केस डॉक्टर्स ने सॉल्व कर लिया. टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के मुताबिक़, इस बीमारी को PANDAS कहते हैं. इसका फूल फॉर्म है pediatric autoimmune neuropsychiatric disorders associated with streptococcal infections. इसमें इंसान को किसी चीज से ऐसी एलर्जी हो जाती है कि उसकी छींक नहीं रूकती. यही दिक्कत केटलिन के साथ हो गई.