जब भी कोई विधायक किसी अधिकारी को फोन करेंगे तो संबंधित अफसर उन्हें माननीय विधायक जी .. कहकर संबोधित करेंगे. विधानसभा सत्र के दौरान सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रश्न उठने पर पीठ ने यह निर्देश दिए हैं. पीठ ने कहा कि सरकार मुख्य सचिव को निर्देशित करे कि इस बात को जिलों के अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाए.
सदन की कार्यवाही के दौरान विशेषाधिकार की अवहेलना का प्रश्न किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने उठाया. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में होने वाले तमाम सरकारी कार्यक्रमों में उनकी अनदेखी की गई. कई मौकों पर उन्हें बुलाया ही नहीं गया.
नगर पालिका से लेकर ब्लाक स्तर पर कई ऐसे कार्यक्रम हुए, जिनमें स्थानीय विधायक को निमंत्रण तक नहीं भेजा गया. जबकि इस संबंध में पूर्व में पीठ की ओर से निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने पीठ से निर्देश दिए कि विधायकों के प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन होना चाहिए.
विधायक सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते पूरा सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने सरकार को निर्देश दिए कि वह मुख्य सचिव के स्तर से जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित करें. उन्होंने कहा कि विधायकों के फोन करने या उन्हें संबोधन में अधिकारी सम्मानजक ढंग से माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करेंगे.