G20 के तीसरे दिन भारत और सऊदी अरब के बीच बड़ा करार हुआ है. दोनों देशों के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान एनर्जी सेक्टर को लेकर बड़ा MoU साइन हुआ है.
इस MoU के दौरान दोनों देश में तय हुआ है कि समुद्र के नीचे से पावर ट्रांसमिशन बिछाया जाएगा. सऊदी अरब और भारत के बीच पावर ग्रिड का कनेक्शन के लिए ये करार हुआ है. इस MoU के दौरान रिन्यूबेल एनर्जी और इलेक्ट्रिसिटी को लेकर भी करार हुआ है. दोनों देशों के बीच हाइड्रोजन, स्टोरेज और तेल-गैस में आपसी निवेश बढ़ाने के लिए करार हुआ है.
सऊदी के क्राउन प्रिंस बिन सलमान ने द्विपक्षीय वार्ता में कहा कि “भारत-सऊदी अरब रिश्ते के इतिहास के दौरान कोई असहमति नहीं थी, लेकिन हमारे देश के भविष्य के निर्माण और अवसर पैदा करने के लिए सहयोग के लिए तैयार हैं. आज हम भविष्य के अवसरों पर काम कर रहे हैं… मैं आपको G20 सम्मिट के मैनेजमेंट और मिडिल ईस्ट, भारत और यूरोप को जोड़ने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित हासिल की गई उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूं, जिसके लिए आवश्यक है कि हम इसे बनाने के लिए लगन से काम करें.”
वहीं, पीएम मोदी ने इस वार्ता के बाद कहा कि आज की बैठक से हमारे संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी और हमें मिलकर मानवता की भलाई के लिए काम करते रहने की प्रेरणा मिलेगी. पीएम ने कहा कि कल हमने भारत, पश्चिमी एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक शुरुआत की है. इससे न केवल दोनों देश आपस में जुड़ेंगे बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को बल मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए सऊदी अरब अहम है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग भी बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए सऊदी अरब हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है. विश्व की दो बड़ी और तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारा आपसी सहयोग पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. पीएम ने कहा कि अपनी बातचीत में हमने अपनी साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कई पहलों की पहचान की है.