भारतीय शेयर बाजार में लगातार 8 दिनों से जारी तेज पर मंगलवार को ब्रेक लग गया. पूरे दिन भारी उतार-चढ़ाव के कारोबार के बाद बीएसई सेंसेक्स हरे निशान में तो निफ्टी लाल निशान में बंद हुआ. कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 94.05 अंकों की तेजी के साथ 67,221.13 अंक पर बंद हुआ. वहीं, एनएसई निफ्टी 3.15 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 19,993.20 अंक पर बंद हुआ. हालांकि, इसके बावजूद निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. दरअसल, 11 सितंबर को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3.24 लाख के पार पहुंच गया था. वहीं, आज यानी मंगलवार को जब बाजार बंद हुआ तो लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 3.18 लाख करोड़ आ गया. इस तरह निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. निवेशकों को यह नुकसान मुनाफावसूली के कारण आई. अधिकांश कंपनियों के शेयरों में बड़ी बिकवाली आने से गिरावट आ गई. इसके चलते निवेशकों को इतनी बड़ी चपत लग गई.
आपको बता दें कि वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर मजबूत रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों के बाजार में पैसा लगाने से आज सुबह शेयर बाजार की मजबूत शुरुआत हुई थी. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 412.02 अंक चढ़कर 67,539.10 पर खुला था. वहीं, एनएसई निफ्टी 114 अंक बढ़कर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 20,110.35 पर पहुंच गया. हालांकि, उसके बाद मुनाफावसूली आने से अधिकांश स्टॉक में बड़ी गिरावट देखने को मिली. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 90.99 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, लार्सन एंड टुब्रो, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, नेस्ले, आईटीसी और सन फार्मा प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं. एशियाई बाजारों में जापान का निक्की लाभ में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. अमेरिकी शेयर बाजार में सोमवार को तेजी रही. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को लिवाल रहे और उन्होंने 1,473.09 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.74 प्रतिशत चढ़कर 91.31 डॉलर प्रति बैरल रहा.