दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के खिलाफ अमेरिका में कार्रवाई हो रही है. अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि गूगल सर्च में मोनोपोली के जरिए वह अनुचित लाभ कमा रही है. अगले 10 हफ्ते तक अमेरिका के वकील और अटार्नी जनरल यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि गूगल ने कई जगहों पर अपने सर्च इंजन को डिफॉल्ट विकल्प के रूप में लॉक करके बाजार में मोनोपोली करने की कोशिश की है. Google Search पर यह आरोप है कि वह इसके जरिए अनुचित लाभ कमा रही है.
अमेरिकी सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट ने गूगल पर मुकदमा दायर किया है. Us Govt ने गूगल के स्वामित्व वाले अल्फाबेट पर इंटरनेट सर्च इंजन कारोबार में उसकी मोनोपोली कायम करने और गैरकानूनी इस्तेमाल कर लाभ कमाने का आरोप लगाया है. गूगल जैसी बड़ी कंपनी पर किया गया यह मुकदमा गूगल के खिलाफ उठाया गया पहला महत्वपूर्ण कदम है.
अमेरिकी सरकार ने गूगल पर एप्पल और अन्य स्मार्टफोन निर्माता के साथ किए गए सौदे के माध्यम से सर्च और सर्च इंजन एडवर्टाइजमेंट के बाजार में अपनी प्रभावी स्थिति को अवैध रूप से बचाने का आरोप लगाया है. गूगल पर आरोप है कि उसने एप्पल और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों को सालाना $10 अरब देकर यह सुनिश्चित किया है कि फोन पर गूगल सर्च इंजन डिफॉल्ट स्टेटस में रहे. इससे गूगल सर्च के कारोबार में ग्रोथ का शानदार मौका मिलता है.
एप्पल और अन्य स्मार्टफोन कंपनियां अपने फोन में गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन के रूप में रखती हैं. अमेरिका के न्याय विभाग के अनुसार इन्हीं वजह से सर्च इंजन मार्केट में गूगल प्रमुख नाम बना हुआ है. गूगल पर सर्च किए जाने वाले डिजिटल विज्ञापन और उनके रिजल्ट भी जांच के दायरे में हैं. इसके तहत सर्च हुए डिस्प्ले और वीडियो, विज्ञापन आदि शामिल हैं.
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि डिजिटल एड स्पेस में गूगल का व्यवहार मोनोपोली वाला और अपने छोटे प्रतियोगियों को दबाकर रखने जैसा है. गूगल पर आरोप है कि वह सर्च इंजन कारोबार में किसी तरह की खोज को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से यूजर को निराशा होती है.
गूगल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और उसका कहना है कि उसने लगातार यह सुनिश्चित किया है कि उसकी सेवा यूजर के लिए उपयोगी हो और सभी के लिए मुफ्त हो. इस बात पर जोर दिया है कि उसके द्वारा किए गए सभी सौदे कानूनी रूप से वैध है और कंपनियों की मदद करते हैं.