सनातन धर्म पर दिए जा रहे विवादित बयानों और स्वामीनारायण संप्रदाय (Swaminarayan Sampraday) की ओर से हनुमान (Hanuman) को लेकर विवाद के मामले में उत्तराखंड के हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद आपातकालीन बैठक हुई. बैठक में संतों ने सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किए. सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी, धर्म के देवी-देवताओं का अपमान और ग्रंथों में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में सात अखाड़ों के संत मौजूद रहे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से बुधवार को आपातकालीन बैठक का आयोजन कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में किया गया. इस दौरान संतों ने बंद कमरे में करीब दो घंटे बैठक के प्रस्तावों पर चर्चा की. इसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि कर्नाटक और केरल के मंत्री सनातन धर्म का विरोध कर रहे हैं. अखाड़ा परिषद की बैठक में उन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है.
साथ ही रविंद्र पुरी ने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने पांच पूजा के देवता भगवान हनुमान का अपमानित चित्रण किया है. इस कारण संप्रदाय के प्रतिबंध की मांग बैठक में की गई है. अखाड़ा परिषद और अखिल भारतीय संत समिति ने संप्रदाय का पूर्व में बहिष्कार किया है. बहिष्कार के बावजूद उस संप्रदाय के पाठ्यक्रम और वार्तालाप में भगवान हनुमान का विरोध जारी है. बैठक में संप्रदाय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है. संप्रदाय से भविष्य में ऐसा न करने का आग्रह भी किया गया है, अगर फिर भी भगवान हनुमान का अपमान बंद नहीं होता है तो संप्रदाय के खिलाफ सरकार के माध्यम से कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं बैठक में हिंदू धर्म के ग्रंथ में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने पर भी निंदा प्रस्ताव संतों ने सर्वसम्मति से पारित किया. इन तीन मुद्दों को लेकर अखाड़ा परिषद की आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत राजेंद्र दास, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी और महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने तीनों मुद्दों की कठोर शब्दों में निंदा की. संतों ने कहा कि इस संबंध में वे जल्द ही राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे. अखाड़ा परिषद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर एक ज्ञापन देकर सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा सनातन के खिलाफ अलग-अलग लोगों की बयानबाजी राजनीतिक संकट है. वोटों की राजनीति, समाज में ध्रुवीकरण की राजनीति है, जो समाज में विभाजन पैदा कर रही है, सनातन सबसे प्राचीन है. जब तक सूर्य रहेगा, तक तक सनातन रहेगा. रविंद्र पुरी ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मेरा आग्रह है कि उनके सुपुत्र की ओर से बार-बार बोले जा रहे शब्दों पर अंकुश लगाना चाहिए, नहीं तो कोर्ट के माध्यम से संवैधानिक दंड उनके सुपुत्र को दिलाया जाएगा.