जब संपत्ति के मालिक की मृत्यु हो जाती है तो कानूनी उत्तराधिकारियों को मृतक की संपत्ति को अपने नाम पर ट्रांसफर करना होता है. ऐसा करने की प्रक्रिया ट्रांसफर के प्रकार पर निर्भर करेगी. यदि मृतक ने कोई वसीयत बनाई है तो संपत्ति का स्वामित्व ट्रांसफर करने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है. लेकिन, अगर कोई वसीयत नहीं है और कई उत्तराधिकारी हैं, तो यह प्रक्रिया को जटिल बना सकता है.
वसीयत में आम तौर पर लाभार्थियों या कानूनी उत्तराधिकारियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होता है, जो मृतक की संपत्ति और अन्य संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे. लॉ फर्म एथेना लीगल की प्रिंसिपल एसोसिएट नेहा गुप्ता कहती हैं कि किसी संपत्ति को कानूनी उत्तराधिकारी के नाम पर ट्रांसफर करने में पहला कदम या तो वसीयत की जांच करवाना है या प्रशासन पत्र (LOA) हासिल करना है.
वसीयत प्रोबेट कोर्ट द्वारा प्रमाणित कॉपी होती है. वसीयत का निष्पादक या वसीयत प्रबंधक वसीयत के प्रोबेट के लिए आवेदन करता है. यह अदालत में वसीयत की वैधता और प्रामाणिकता निर्धारित करने के लिए किया जाता है.
यदि वसीयत में वसीयत प्रबंधक का उल्लेख नहीं है या प्रोबेट अनिवार्य नहीं है तो वसीयत के लाभार्थियों को एलओए के लिए आवेदन करना होगा. यदि किसी व्यक्ति की बिना वसीयत किए मृत्यु हो जाती है मतलब वसीयत लिखे बिना तो भी एलओए की आवश्यकता होने की संभावना है. प्रोबेट या एलओए की आवश्यकता है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि संपत्ति कहां स्थित है.
एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद लाभार्थी को संपत्ति को कानूनी उत्तराधिकारी के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ संबंधित सब रजिस्ट्रार के कार्यालय जाना होगा. एक कानूनी उत्तराधिकारी (वसीयत के अनुसार) को स्वामित्व के ट्रांसफर के लिए एक आवेदन पत्र, वसीयत की कॉपी, मूल संपत्ति के कागजात, संपत्ति के मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी और मृतक का आईडी और पता प्रमाण जमा करना आवश्यक है.