प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार जल्द ही उन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए योजना शुरू करेगी जो शहरों में रहते हैं लेकिन उनके पास अपना घर नहीं है. इसके साथ ही सरकार शहरों में अपने घर का सपना देखने वालों को बैंक लोन के ब्याज में राहत देने के लिए भी जल्द एक योजना शुरू करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि शहरों में बिना घर के रहने वाले गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्गीय परिवार शहरों में अपने घर का सपना देख रहे हैं. हम जल्द ही उनके लिए एक योजना शुरू करेंगे. पीएम ने कहा कि हमने शहरों में किराए के मकानों, अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गियों में रहने वाले परिवारों को अपना घर बनाने के लिए लाखों रुपये की मदद देकर बैंक ऋण के ब्याज में राहत देने का फैसला किया है.
शहरी गरीबों के लिए पहले से ही एक आवास योजना – प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) संचालित की जा रही है. बता दें कि प्रधानमंत्री ने देश भर के सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराने के लिए 25 जून 2015 को पीएमएवाई-यू की शुरुआत की थी.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर 31 जुलाई 2023 तक 118.90 लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है. मंजूरी पाने वाले घरों में से 76.02 लाख यूनिट पूरी हो चुकी हैं या लाभार्थियों को आवंटित की जा चुकी हैं. पीएमएवाई-यू की क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कम आय वाले लाभार्थियों के लिए 6.5 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाती रही है, जो प्रति घर 2.67 लाख रुपये तक होती थी.