जनपद गठन को भले ही 25 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक जिले में सर्किट हाउस का निर्माण नहीं हो पाया है, जिससे वीआइपी व अन्य लोगों को निजी होटलों में ठहराना पड़ता है. हालांकि सर्किट हाउस निर्माण के लिए प्रशासन की ओर से रतूड़ा में भूमि का चयन कर भू-सर्वेक्षण भी किया जा चुका है, लेकिन अभी भी निर्माण का इंतजार है.
रुद्रप्रयाग जनपद का गठन 1997 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार के कार्यकाल में हुआ था, लेकिन तब से अब तक 25 वर्ष से अधिक का समय बीतने के बावजूद जनपद मुख्यालय में सर्किट हाउस का निर्माण नहीं हो सका है. कोई भी वीवीआइपी आज भी प्राइवेट होटलों में ही ठहराया जाता है, या फिर गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह में. केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का मुख्य पड़ाव स्थल होने से जिले में छह महीनों तक वीवीआइपी की भारी भीड़ होती है. प्रशासन को इन्हें रात्रि ठहराने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
सर्किट हाउस निर्माण के लिए भी लंबे समय से भूमि चयन को लेकर ही प्रशासन असमंजस की स्थिति में रहा. वर्ष 2004 में पुरानी तहसील में सर्किट हाउस निर्माण के लिए कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन भूमि को लेकर सहमति नहीं बन सकी. इसके बाद रुद्रप्रयाग शहर से तीन किमी दूर बसू गांव में सर्किट हाउस के लिए भूमि चयन प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन यहां भी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी.
अंत में रुद्रप्रयाग से छह किमी दूर बदरीनाथ मोटर मार्ग पर रतूड़ा में भूमि का चयन किया गया, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, इसकी सैद्वांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है. सर्किट हाउस के लिए 20 नाली भूमि का चयन किया गया है। भू-वैज्ञानिकों ने इस भूमि का भू-सर्वेक्षण भी कर लिया है, जो उपयुक्त पाया गया है. इस भूमि पर हरे पेड़ भी हैं, जिन्हें कटान के लिए वन विभाग को पत्रावलियां भी भेज दी गई है. यहां प्रारंभिक कार्यों के लिए 24 कमरों वाले सर्किट हाउस का निर्माण मास्टर प्लान से होना है, इसके लिए अभी डिजायन तैयार किया जाएगा.
बावजूद अभी भी सर्किट हाउस के लिए जिले को इंजतार करना पड़ेगा, कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है. लोक निर्माण विभाग खंड रुद्रप्रयाग सर्किट हाउस निर्माण की कार्यदायी संस्था है. रुद्रप्रयाग के उप जिलाधिकारी मंजू राजपूत के अनुसार, जिला मुख्यालय से सटे रतूड़ा में सर्किट हाउस निर्माण भूमि को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है. उम्मीद है कि जल्द निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.