एक दिन किसी कारण से स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया । वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा जो सिलाई में व्यस्त थे । उसने बार बार देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं । फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सुई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं । जब उसने इसी क्रिया को कई बार देखा तो उसकी उत्सुकता बढ़ गई और जब उससे रहा नहीं गया तो उसने अपने पापा से कहा कि वह एक बात उनसे पूछना चाहता है ? पापा ने कहा- बेटा बोलो क्या पूछना चाहते हो ? बेटा बोला- पापा मैं बड़ी देर से आपको देख रहा हूं , आप जब भी कपड़ा काटते हैं, उसके बाद कैंची को पैर के नीचे दबा देते हैं, और सुई से कपड़ा सीने के बाद, उसे टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ? पापा ने बहुत प्यार से उसे देखा और उसके सर पर हाथ फेरते हुए समझाया – ” बेटा, कैंची हमेशा काटने का काम करती है, और सुई कपड़े को जोड़ने का काम करती है। उसके पिता ने आगे कहा कि काटने वाले की जगह हमेशा नीची होती है परन्तु जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होती है । यही कारण है कि मैं सुई को टोपी पर लगाता हूं और कैंची को पैर के नीचे रखता हूं……..!!!
इस प्रसंग से शिक्षा लेकर इसी प्रकार समाज और देश को जोड़ने का काम हमे करते रहना है क्यूंकि समाज मे ऐसे सभी को जोड़ने वालों की बहुत जरूरत है। कैंची की तरह समाज को काटने वाली ताकते अपनी पूरी ताकत से समाज को बांटने के लिए तरह तरह के जहर फैलाकर अविश्वास पैदा कर रही है।
गौरतलब: श्रेष्ठ वही है जो जोड़ता है , इसीलिए हम सब आप ऐसा काम करे जो लोगो को जोड़ता हो, निश्चय ही यह काम आपको श्रेष्ठ बना देगा !