आज भारत ने इतिहास के पन्नों में नया अध्याय जोड़ा है। अब आप भारतीय राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को प्रत्यक्ष रूप से देख पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक लोकसभा के बाद अब राजसभा से भी पास हो गया है।
बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 215 सांसदों ने बिल का समर्थन किया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक-एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है। सभी सांसदों ने अपने बयान के शुरुआत में कहा कि ‘मैं बिल का समर्थन करता हूं।’ इसके लिए सबका आभार। यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा। सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।
बता दें कि ये बिल परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसका मतलब यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
17वीं लोकसभा में 82 महिलाएं चुनकर आई हैं। उनका प्रतिनिधित्व करीब 15 फीसदी है। वहीं देश के 19 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है।