चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों ने इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ा है। कोविड महामारी के बाद पिछले साल पूरे यात्रा काल में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में पहली बार 46.29 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन करने का रिकॉर्ड बनाया था। इस बार यात्रा संपन्न होने से डेढ़ माह पहले तीर्थयात्रियों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब तक 46.49 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
मानसून विदा होने के बाद अक्टूबर में चारधाम यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। चारों धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। एक दिन में चारधाम और हेमकुंड साहिब में 40 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। 2020 और 2021 में कोविड महामारी से चारधाम यात्रा बाधित रही। संक्रमण कम होने पर कोविड प्रोटोकॉल की बंदिशों के बीच यात्रा संचालन किया।
2020 में 3.23 लाख तीर्थयात्री पहुंचे, जबकि 2021 में 5.30 लाख ने दर्शन किए। 2022 में चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हुई। पूरे यात्रा काल में 46.29 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर रिकॉर्ड बनाया था।
इस बार 22 अप्रैल से गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ यात्रा का आगाज हुआ। 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हुई। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, चारधाम यात्रा में अब तक 46.49 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं। अभी यात्रा के लिए डेढ़ माह का समय बाकी है।
बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 24 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तय होगी। धाम में पिछले एक वर्ष से मास्टर प्लान का काम चल रहा है। बदरीनाथ बाजार में भी वाहनों की आवाजाही बाईपास मार्ग से कराई जा रही, जिससे तीर्थयात्री दुश्वारियों का सामना कर बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। आपदा में बदरीनाथ एनएच कई जगहों पर खस्ता हालत में है। पागलनाला से मारवाड़ी (27 किमी) तक सड़क बेहद खराब है।
केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को भैया दूज के दिन बंद करने की परंपरा है। अभी केदारनाथ यात्रा के लिए 40 दिन शेष रह गए हैं। बाबा केदार के द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, जिससे मंदिर समिति को गर्भगृह में दर्शन पर रोक लगानी पड़ रही है। साथ ही सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक जाम लग रहा है।