नैनीताल हाईवे से अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग अब बैकफुट पर आ गया है. पिछले 1 महीने के अंदर व्यापारियों और अन्य लोगों को भेजे गए 900 से अधिक नोटिस को पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने निरस्त कर दिया है. नोटिस को निरस्त करने की वजह नैनीताल हाईवे के मूल दस्तावेज उपलब्ध न होना बताया जा रहा है. मंगलवार देर रात तक चली बहस के बाद लोक निर्माण विभाग ने सभी नोटिस को निरस्त करने, रेड मार्क को हटाने की बात कही है.
पीडब्ल्यूडी ने 900 नोटिस लिए वापसपीडब्ल्यूडी ने 900 नोटिस किए निरस्त: नैनीताल हाईवे में तीनपानी से काठगोदाम नरीमन चौराहे तक अतिक्रमण हटाने के मामले में मंगलवार देर रात तक हंगामा चलता रहा. व्यापारियों के हंगामे, मेयर से बातचीत के बाद के बाद लोक निर्माण विभाग बैकफुट पर आ गया. मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला ने व्यापारियों और प्रशासन की संयुक्त बैठक में लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी ने व्यापारियों को भेजे 900 से अधिक नोटिस निरस्त कर दिये हैं. लोक निर्माण विभाग ने इसके पीछे हाईवे के मूल दस्तावेज न होने को कारण बताया है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार के मुताबिक लीनियर चार्ट के आधार पर अतिक्रमण चिन्हित कर नोटिस जारी किए गए थे लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से हाईवे की भूमि के संबंध में मूल अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं.
नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग ने पिछले महीने अतिक्रमण चिन्हीकरण की कार्रवाई शुरू की थी. विभाग के पास मौजूद डेटा में हल्द्वानी में काठगोदाम नरीमन चौराहे से तीनपानी तक करीब 10 किमी के दायरे में 30 मीटर की चौड़ाई दर्ज है. पिछले 1 महीने के अंदर लोक निर्माण विभाग ने सारे अतिक्रमण चिन्हित कर रेड मार्क लगाने शुरू किया तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया. मंगलवार देर रात तक चले हंगामे के दौरान व्यापारियों ने लोक निर्माण विभाग पर सवाल करते हुए कहा कि किस हिसाब से अतिक्रमण का दायरा तय किया गया है, उसका जवाब चाहिए. लोक निर्माण विभाग से सवाल किया.