उत्तराखंड की राजधानी में नवंबर और दिसंबर में दो वैश्विक स्तर के सम्मेलन आयोजित होने जा रहे हैं. जिसके तहत 28 नवंबर से 6वां वैश्विक डिजास्टर मैनेजमेंट का सम्मेलन होने जा रहा है. 8 और 9 दिसंबर को निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी आयोजित हो रहा है, लेकिन इन दोनों बड़े सम्मेलनों के लिए देहरादून अभी भी तैयार नहीं है, क्योंकि देहरादून के सड़कों की स्थिति इन दिनों खराब है.
देहरादून में होने वाले ये दोनों सम्मेलन वैश्विक स्तर के हैं. जिसमें देश के अलग-अलग क्षेत्रों और विदेशों से लोग शामिल होंगे. ऐसे में उत्तराखंड सरकार के पास एक बड़ा अवसर है कि वैश्विक पटल पर उत्तराखंड को एक बेहतर राज्य और डेस्टिनेशन के रूप में प्रदर्शित किया जा सके. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार इन दोनों बड़े सम्मेलनों से पहले देहरादून का कायाकल्प करने की कवायद में जुटी हुई है, ताकि जो लोग देश के अन्य क्षेत्रों और विदेशों से आ रहे हैं, वह देवभूमि पहुंचकर प्रदेश की एक बेहतर छवि से रूबरू होकर जाएं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बरसात समाप्त हो गई है. ऐसे में सरकार की पहली प्राथमिकता है कि सभी सड़कों का काम तेजी से हो. वहीं, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बहुत जल्द इन कामों को पूरा किया जाएगा. दरअसल, सड़कों को व्यवस्थित करने के लिए जून 2024 तक की समय सीमा तय की गई है, लेकिन कोशिश है कि दिसंबर में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट से पहले ही सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाए.
पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि सीएम धामी के निर्देशानुसार प्रदेश की सड़कों के गड्ढे भरने का काम शुरू हो चुका है. विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द काम को पूरा कर लिया जाए. हालांकि, सरकार के निर्देश के अनुसार नवंबर तक का समय रखा गया है, लेकिन उम्मीद है कि उससे पहले ही काम पूरा कर लिया जाएगा. कुछ सड़कों को रिन्यूअल किया जाना है. कुछ सड़कों का कंस्ट्रक्शन भी किया जाना है, लेकिन मुख्य मार्गों पर प्रमुखता के आधार पर गड्ढा भरने का काम किया जा रहा है.