पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गाजियाबाद में देश की पहली रैपिड रेल नमो भारत को हरी झंडी दिखाई. दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर बनाया जा रहा है. पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का फासला तय करेगी. बताया जा रहा है कि उद्घाटन के बाद 21 अक्टूबर से लोग इससे सफर कर सकेंगे. नमो भारत ट्रेन 2025 तक दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मदीपुरम स्टेशन के बीच पूरी तरह से चलनी शुरू हो जाएगी.
पिछले हफ्ते इसे मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद उद्घाटन की तारीख तय की गयी थी. अक्टूबर महीने से यह रैपिड ट्रेन साहिबाबाद से चलेगी. गाजियाबाद, गुलधर होते हुए करीब 17 किमी का सफर तय करते हुए कुछ मिनटों में दुहाई डिपो तक पहुंच जाएगी. नमो भारत मुंबई की मोनो और दिल्ली-NCR वाली मेट्रो से काफी अलग बतायी जा रही है.
मोनो रेल और मेट्रो से बेहतर है रैपिड रेल
मुंबई में चलने वाली मोनो रेल, दिल्ली-एनसीआर की मेट्रो और नमो भारत रैपिड रेल में काफी अंतर है. सबसे बड़ा अंतर स्पीड का है. स्पीड के मामले में रैपिड मेट्रो दोनों तरह की मेट्रो (मोनो और मेट्रो) से कहीं तेज़ है. रैपिड रेल एक घंटे में 180 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है. इसका डिजाइन भी बेहतर है. इससे केवल एक घंटे में दिल्ली से मेरठ पहुंच जाएंगे. रैपिड रेल के कोच में कई अलग तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी.
इसमें फ्री वाई-फाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स, समान रखने की स्पेस, इंफोटेनमेंट सिस्टम की व्यवस्था की गयी है. मेट्रो में स्मार्ट कार्ड्स, टोकेन, क्यूआर कोड वाले पेपर और ऐप से उत्पन्न होने वाले टिकट से एंट्री मिलती है. वहीं रैपिड रेल के लिए क्यूआर कोड वाले डिजिटल पेपर और पेपर टिकट का इस्तेमाल होगा.