‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महुआ मोइत्रा का ये मामला अभी संसद की एथिक्स कमिटी के पास है। संसद की एथिक्स कमिटी 26 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई करेगी। लेकिन उससे पहले ही इस मामले में एक ऐसा खुलासा हुआ जो टीएमसी सांसद पर लगे आरोपों के पुख्ता करने के लिए सबसे बड़ा सबूत हो सकता है.
दरअसल, 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में उन्होंने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे तोहफे लिए थे। जिसके बाद स्पीकर ने इस मामले को एथिक्स कमेटी को भेज दिया था।
अब इस मामले में नया मोड़ आया है और दर्शन हीरानंदानी इस मामले में सरकारी गवाह बन गए। इतना ही नहीं, दर्शन ने इस मामले में अपना हलफनामा दिया है। दर्शन ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए महुआ की संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था। दर्शन हीरानंदानी ने यह भी बताया कि महुआ मोइत्रा से उनकी मुलाकात 2017 में आयोजित ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ के समय हुई थी। जिसके बाद दोनों निजी दोस्त बन गए। दर्शन ने कहा कि महुआ से बातचीत के दौरान उन्होंने पाया कि महुआ सुस्पष्ट रूप से बुद्धिजीवी हैं और उन जनप्रतिनिधियों में से एक हैं जो आर्थिक और कारोबार से जुड़े मुद्दों को समझती हैं।
दर्शन हीरानंदानी ने हलफनामे में लिखा कि वो और महुआ मोइत्रा दोनों कोलकाता, दिल्ली और मुम्बई में समाजिक रूप से मिले। वो विदेश में भी मिले। कभी साप्ताहिक रूप से तो कभी रोज फोन कॉल पर बात होती थी। उन्होंने बताया है कि जब महुआ दुबई जाती थीं या वो भारत आते थे तो वो हमेशा मिला करते थे। दर्शन हीरानंदानी ने बताया कि इस दौरान महुआ मोइत्रा कई छोटे-बड़े काम के लिए भी उनसे कहने लगीं।
उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा काफी महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपने लिए नाम बनाना चाहती थीं। उनके सलाहकारों ने उन्हें बताया था कि अगर कम समय में ऐसा करना है तो उन्हें भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने होंगे। दर्शन हीरानंदानी ने लिखा कि महुआ मोइत्रा को लगा कि पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने का रास्ता है गौतम अडानी को निशान बनाना, क्योंकि दोनों समकालीन हैं और एक ही राज्य से आते हैं। देश के बाहर और देश में भी मीडिया, कारोबार और राजनीति में कई लोग गौतम अडानी की सफलता से जलने लगे थे, इससे महुआ मोइत्रा को मदद मिली। इसीलिए, पीएम मोदी को बदनाम करने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए गौतम अडानी पर हमला कर महुआ मोइत्रा को इन लोगों से समर्थन की उम्मीद थी।
दर्शन का कहना है कि महुआ मोइत्रा और उनकी दोस्ती बढ़ती रही और इस दौरान विपक्ष शासित राज्यों में उन्हें फायदा मिलता रहा। क्योंकि महुआ मोइत्रा के अच्छे दोस्तों में राहुल गांधी, शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा शामिल थे। दर्शन का कहना है कि इसके बदले में महुआ मोइत्रा ने उनसे कई काम करवाए और उनके समर्थन की एवज में उन्हें ये सब करना पड़ा। जिसमें दिल्ली में महुआ के बंगले की मरम्मत, यात्रा के खर्च, महंगे तोहफे इसमें शामिल था।
दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि कई बार मुझे लगा कि वो मेरा गलत फायदा उठा रही हैं और मुझ पर ऐसे-ऐसे काम करने का दबाव बना रही हैं जो मैं नहीं करना चाहता था। लेकिन, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।
इसके अलावा, एथिक्स कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रयी को भी 26 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलवाया है। बता दें कि जय अनंत देहाद्रयी ने ही महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे के बदले सवाल पछूने’ का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट फाइल की थी। वकील जय अनंत देहाद्रयी की सूचना के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर टीमएसी सांसद मोइत्रा के संसदीय आचरण की जांच कराने की मांग की थी।