वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर चीन लगातार भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचता आ रहा है। एलएसी पर सैन्य तैनाती में अब तक कोई कटौती नहीं की है, बल्कि सीमा के पास वाले अपने इलाके में चुपचाप निर्माण कार्य कर रहा है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, बॉर्डर पर चीन लगातार सड़कें, गांव, स्टोरेज फैसिलिटीज, एयरफील्ड और हेलीपैड बना रहा है।
इसके साथ ही पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि चीन ने पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या भी बढ़ाई है। उसके पास अब 500 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। पेंटागन के अनुसार, चीन का लक्ष्य 2030 तक एक हजार परमाणु हथियार बनाने का है।
इतना ही नहीं, रिपोर्ट के अनुसार चीन ने डोकलाम के पास भी जमीन के नीचे स्टोरेज फैसिलिटीज बनाई हैं। इसके अलावा एलएसी के तीनों सेक्टर में नई सड़कों का भी निर्माण किया गया है। पैंगोंग झील पर एक दूसरा ब्रिज भी बनाया है। चीन ने भूटान के साथ विवादित इलाकों में भी गांव बसाए हैं।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किसी भी तीसरे पक्ष को रोकने या जरूरत पड़ने पर उसे हराना है। इसके लिए ही वह लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन जमीन, समुद्र और हवा से वार करने के अलावा न्यूक्लियर, स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक और साइबरस्पेस में भी युद्ध के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का लक्ष्य 2049 तक वर्ल्ड क्लास मिलिट्री बनाना है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच बीते तीन साल से पूर्वी लद्दाख में कई केंद्रों को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है। जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जो दोनों देशों के बीच 45 वर्षों में सबसे हिंसक झड़प थी।
जिसके बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।