राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को प्रवर समिति ने अंतिम रूप दे दिया है. इसे सकारात्मक बताया जा रहा है. अब तीन नवंबर को आखिरी बैठक होगी. जिसके बाद प्रवर समिति विस अध्यक्ष को ड्राफ्ट सौंप देगी.
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति की बैठक हुई. जिसमें समिति के सदस्य विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक विनोद चमोली, विधायक उमेश शर्मा काऊ, विधायक भुवन चंद कापड़ी शामिल हुए. बैठक के बाद मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि तीन नवंबर को अंतिम बैठक होगी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को इसका ड्राफ्ट सौंपा जाएगा.
बैठक में विधानसभा सचिव एवं सचिव विधायी शहंशाह मुहम्मद दिलबर दानिश, सचिव कार्मिक शैलेश बगोली आदि अफसर भी शामिल हुए. गौरतलब है कि विस में पेश विधेयक पर चर्चा के दौरान उसे प्रवर समिति के हवाले कर दिया गया था.
विस अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित समिति को 15 दिन में विचार कर सिफारिशें देने को कहा था. साथ ही सदन में आश्वासन दिया था कि समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण बिल के लिए विस का विशेष सत्र आहूत किया जाएगा.
समिति ने 18 सितंबर को पहली बैठक की, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला. 25 सितंबर को समिति का कार्यकाल पूरा हो गया। समिति की मांग पर इसका कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ा दिया गया था. 25 अक्तूबर को समिति का कार्यकाल पूरा होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री के अनुरोध पर विस अध्यक्ष ने कार्यकाल 25 दिसंबर तक बढ़ा दिया था.