इजराइल-हमास युद्ध का आज 26वां दिन है। 7 अक्टूबर हमास द्वारा इजराइल पर किए गए रॉकेट हमलों से शुरू हुए इस युद्ध में अब तक 7,044 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 1,400 से अधिक मौतें इजराइल में हुई हैं। वहीं, इजराइल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में 6,546 लोगों की मौत हुई है। इस युद्ध में आतंकी संगठन हमास और हिज्बुल्लाह दोनों मिलकर इजराइल के विरुद्ध लड़ रहे हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोच है कि हमास के पास बीते इतने दिनों से युद्ध लड़ने की सुविधाएं कहां से आ रही हैं? क्या आपने सोचा है कि हमास के पास पैसा कहां से पहुंच रहा है और हमास इतने पैसे से क्या कर रहा है? आपको यह जानकार हैरानी होगी कि हमास और हिज्बुल्लाह दुनिया के दो सबसे अमीर आतंकी संगठन भी हैं। सिर्फ हिज्बुल्लाह और हमास के पास ही इतना पैसा है, जितना दुनिया के कई छोटे देशों के पास नहीं है।
ऐसा हम नहीं बल्कि जर्मनी की रिसर्च एजेंसी स्टेटिस्टा ने बताया है। स्टेटिस्टा ने दुनिया के सबसे अमीर आतंकी संगठनों की रैंकिंग जारी की है, जिसमें आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह पहले नंबर पर है तो वहीं हमास दूसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार, हिज्बुल्लाह की फंडिंग एक साल में 110 करोड़ डॉलर यानी करीब 9,130 करोड़ रुपये के बराबर है। हमास को हर साल 100 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिलती है। 100 करोड़ डॉलर का मतलब है करीब 8,300 करोड़ रुपए।
वहीं, अमीर आतंकी संगठनों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर तालिबान का नंबर है, हिज्बुल्लाह, हमास और तालिबान के बाद चौथे नंबर पर अल-कायदा है। लिस्ट में पांचवें नंबर पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस है।
अब सबसे पहले बात करें हमास तक पहुंचने वाली फंडिंग कि तो हमास की फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया फिलिस्तीन की आजादी और गाजा में मानवीय मदद के नाम पर दुनिया भर से मिलने वाली मदद है। हमास चैरिटी के नाम पर फंड जुटाता है। हमास ने इसके लिए ग्लोबल फाइनेंसिंग नेटवर्क बनाया हुआ है। हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग पर ईरान से आती है। अमेरिकी गृह विभाग की 2021 की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान हर साल फिलिस्तीन के आतंकी संगठनों को 10 करोड़ डॉलर की मदद करता है। ये मदद हमास के अलावा फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद को भी मिलती है। ईरान के अलावा, तुर्कीये और कतर से भी हमास को फंड मिलता है।
इतना ही नहीं, हमास पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद हमास ने क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल भी बढ़ा दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 से अप्रैल 2023 के बीच में इजराइल की सरकार ने लगभग 190 क्रिप्टो अकाउंट को ब्लॉक किया था। ये क्रिप्टो अकाउंट हमास से जुड़े थे और उनमें 2020 से 2023 के बीच 4 करोड़ डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी आई थी। ‘ब्लॉकचेन रिसर्चर्स टीआरएम लैब्स’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मई 2021 की लड़ाई के बाद से हमास को कम से कम 4 लाख डॉलर की क्रिप्टो करंसी मिली है।
वहीं, हमास ने गाजा पट्टी में 500 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सुरंगों का नेटवर्क बनाया हुआ है। गाजा की ये सुरंगें एक जगह से दूसरी जगह जाने का सबसे सुरक्षित जरिया हैं। गाजा में ज्यादातर व्यापार भी इन्हीं सुरंगों के जरिये होता है। इन सुरंगों से कैश का फ्लो भी होता रहता है।