उत्तराखंड वन विकास निगम में लकड़ी की नीलामी में लाखों रुपये का घपला सामने आने के बाद 16 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया गया है और मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल के आदेश के क्रम में निगम के एमडी एसएस सुबुद्धि ने मामले में एसआईटी गठित किए जाने को लेकर शासन को पत्र लिखा है.
मामला हल्द्वानी के लालकुआं डिपो संख्या चार और पांच में लाखों रुपये की गड़बड़ी का है. शुरूआत में डिपो संख्या पांच में शिकायत मिली थी कि यहां से जितने की लकड़ी नीलाम की जा रही है, बिल उससे कम का बनाया जा रहा है. इस पर आरएम-कुमाऊं एवं प्रभारी जीएम महेश चंद्र आर्य ने मामले की जांच शुरू की. पता चला कि कुछ अफसर व कर्मचारी मिलीभगत कर नीलामी की रकम से कम के बिल बना रहे हैं. कुछ बिलों में पांच लाख की नीलामी को तीन लाख रुपये दर्ज किया गया. इसके बाद कई और बिलों की जांच में भी हेराफेरी सामने आई.
इसके तत्काल बाद इस मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया, जबकि दो आउटसोर्स के कर्मचारियों को हटा दिया गया. इसके साथ पुलिस में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. मामले में कुल 22 ठेकेदारों के नाम सामने आए थे, लेकिन छह ठेकेदारों ने अपने बिल प्रस्तुत कर दिए, जबकि 16 ठेकेदारों ने नोटिस का कोई जवाब तक नहीं दिया. वहीं डिपो संख्या चार में भी इस तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिली है, इस पर संबंधित डिपो की भी जांच की जा रही है.
बीते दिनों वन विकास निगम से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने समीक्षा बैठक में वन मंत्री के सम्मुख यह मामला उठाया तो उन्होंने पुलिस एसआईटी जांच कराए जाने के निर्देश दिए थे. अब वन निगम के प्रबंध निदेशक एसएस सुबुद्धि की ओर से प्रमुख सचिव वन को पत्र लिखकर एसआईटी जांच कराए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो यह खेल राज्य के अन्य डिपो में भी चल रहा है. अगर सभी जगह जांच हो तो बिलों में हेराफेरी का यह मामला करोड़ों तक पहुंच सकता है.