बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो कर दिए गए हैं. दोपहर बाद 3:33 बजे कपाट बंद किया गया। इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा पर भी विराम लगी.
शनिवार की सुबह साढे चार बजे महाभिषेक पूजा की गई। महाभिषेक पूजा के बाद बाल भोग तथा दर्शन किए गए। इसके बाद 11 बजे दिन का राज भोग लगाया गया. इसके बाद दोपहर के 1 बजे से सायंकालीन आरतियां हुई. अपराह्न दो बजे लक्ष्मी जी के गर्भगृह में विराजमान किया गया. लक्ष्मी जी के गर्भगृह में आने से पहले कुबेर जी उद्धव जी का सभा मंडप में लाया गया। दोपहर ढाई बजे के लगभग कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई. भगवान बदरीविशाल को घृत कंबल पहनाये जाने के बाद अपराह्न तीन बजकर तैतीस मिनट पर कपाट बंद हो गए.
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर के कपाट बंद होने से पहले मंदिर की फूलों से सजावट की गई. मंदिर की दस क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है। देर शाम तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे.