हैदराबाद में पुलिस इंसपेक्टर को धमकी देने के मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर बड़ा हमला बोला है. सीएम सरमा ने कहा है कि अगर यही चीज असम में हुआ होता तो पांच मिनट में मामला सेटल हो जाता. बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को चुनावी जनसभा के दौरान एक पुलिस इंसपेक्टर को खुलेआम धमकी दी थी.
इस मामले को लेकर अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज किया गया. वहीं, जब इस पूरे मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर ये मामला असम में हुआ होता तो पांच मिनट के अंदर सेटल हो जाता. इसके साथ ही असम के सीएम सरमा ने चुनाव आयोग से अकबरुद्दीन ओवैसी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की.
इससे पहले साउथ ईस्ट जोन के डीसीपी रोहित राजू ने बताया कि अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. मामला दर्ज होने के बाद अकबरुद्दीन ओवैसी ने डीसीपी और पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि डीसीपी और पुलिस झूठ बोल रहे हैं.
ओवैसी ने कहा कि सबसे पहले, मेरे पास पुलिस इंसपेक्टर के मंच पर आने का वीडियो फुटेज है. अगर मैं रात 10 बजे के बाद भाषण दे रहा था तो पुलिस मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है. मगर पब्लिक मीटिंग में बाधा डालना और यह कहना कि समय समाप्त हो गया है, यह गलत है. पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए.’
दरअसस, पूरा मामला ये है कि एआईएमआईएम उम्मीदवार अकबरुद्दीन ओवैसी मंगलवार की रात हैदराबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान एक पुलिस इंसपेक्टर ने आचार सहिंता को ध्यान में रखते हुए उन्हें भाषण खत्म करने के लिए इशारा किया, जिस पर वो भड़क गए और इंसपेक्टर को धमकी दे डाली. उन्होंने कहा कि अभी पांच मिनट और हैं, आप चलिए यहां सेउतरिए. मुझे बोलने से कोई रोक नहीं सकता है. आप चले जाएं नहीं तो मेरे एक इशारे पर आपको यहां से दौड़ा दिया जाएगा.