उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार देर शाम बाहर निकाल लिया गया. शाम 7 बजकर 55 मिनट पर टनल से जैसे ही पहला मजदूर बाहर आया पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई. इसके बाद अगले आधे घंटे के अंदर सभी 41 मजदूर टनल से बाहर आ गए. सुरंग से बाहर निकलने के बाद सभी मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका हेल्थ चेकअप हुआ. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मजदूरों से फोन पर बात की.
जब ये मजदूर सुरंग से बाहर आए थे तब भी पीएम मोदी ने उनके लिए एक्स पर लिखा था. उन्होंने कहा कि श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. पीएम ने कहा, टनल में जो साथी फंसे हुए थे उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
बता दें कि पिछले 17 दिनों से देश के करोड़ों लोगों की निगाहें सिलक्यारा टनल पर टिकी हुई थीं. सभी को इंतज़ार था कि आखिर वो पल कब आएगा जब देश के ये मजदूर जो जान हथेली पर लेकर टनल में खुदाई कर रहे थे वो बाहर कब निकलेंगे, लेकिन 17 दिन बाद 28 नवंबर की सुबह उन मजदूरों के लिए शुभ घड़ी लेकर आई.
सुबह से हलचल तेज़ हो गई. टनल के बाहर हर एक मजदूर के लिए अलग से एम्बुलेंस का इंतजाम हो गया. भारतीय सेना का सबसे ताकतवर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात हो गया. टनल के अंदर स्पेशल टेम्परेरी अस्पताल का सेटअप तैयार हो गया. ऑस्ट्रेलिया से आए टनल एक्सपर्ट अर्नॉल्ड डिक्स खुद बाबा बौखनाथ की पूजा में जुट गए.
ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल ने भी खुद को किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार कर लिया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खुद टनल के बाहर पहुंचे. बाबा बौखनाथ की पूजा की और फिर टनल के अंदर चले गए. केंद्रीय राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह भी लगातार टनल के बाहर बने रहे और इस तरह पूरे देश ने ख़ुद को नवंबर की सबसे अच्छी ख़बर के लिए तैयार कर लिया.