नई दिल्ली: भारतीय नौसेना 04 दिसंबर को भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर सिंधुदुर्ग किले में जहाजों और विमानों के जरिये ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ करके अपनी परिचालन कौशल और क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी. इस प्रदर्शन का उद्देश्य औपनिवेशिक प्रथाओं को खत्म करने के प्रतीक में भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास का जश्न मनाना है. कार्यक्रम में मिग 29के और 40 एलसीए नौसेना विमानों के साथ 20 युद्धपोतों की भागीदारी होगी. साथ ही भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो युद्धक समुद्र तट टोही और हमले का प्रदर्शन करेंगे.
भारतीय नौसेना 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के दुस्साहसिक हमले ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में 04 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है. इसी दिन नौसेना विपरीत परिस्थितियों में कर्मियों की वीरता, साहस और उनके संकल्प का जश्न मनाने के लिए सिंधुदुर्ग किले में ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ करने जा रही है. इस कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक जहाजों और विमानों को लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से आम जनता और ऑनलाइन दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा. यह किला 1660 में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाया था.
कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में लड़ाकू विमान मिग 29के और 40 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के साथ 20 युद्धपोतों की भागीदारी होगी. साथ ही भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो युद्धक समुद्र तट टोही और हमले का प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा अन्य प्रमुख आकर्षणों में नौसेना बैंड का प्रदर्शन, ड्रिल और एससीसी कैडेटों का हॉर्न पाइप नृत्य शामिल हैं. यह आयोजन सिंधुदुर्ग किले में लेजर शो के बाद लंगरगाह पर जहाजों की रोशनी के साथ समाप्त होगा. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार के अलावा इस कार्यक्रम को केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य अधिकारी और स्थानीय लोग तारकरली समुद्र तट से देखेंगे.
उन्होंने बताया कि नौसेना दिवस समारोह का उद्देश्य नागरिकों के बीच समुद्री चेतना को नवीनीकृत करना और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति नौसेना के योगदान को उजागर करना है. यह पहली बार है कि जब भारतीय नौसेना एक मेगा कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, जो किसी भी प्रमुख नौसेना स्टेशन पर नहीं हो रहा है. सिंधुदुर्ग किले का स्थान मुंबई से 550 किमी और गोवा में नौसेना स्टेशन से लगभग 135 किमी दूर है. इन आयोजनों को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ नौसेना ने हरसंभव प्रयास किए हैं.