उत्तरकाशी: सिल्क्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद विभिन्न बचाव एजेंसियों ने बाबा बौखनाग का आशीर्वाद लिया.
गौरतलब है कि विगत 17 दिनों से सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को विभिन्न बचाव एजेंसियों के संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सकुशल रेस्क्यू किये जाने के उपरांत बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ मिस्टर अर्नोल्ड डिक्स ने एसडीआरएफ की टीम के साथ राडी टॉप पर स्थित बाबा बौखनाग मन्दिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया . उन्होंने इस जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए बौखनाग के मंदिर में माथा टेका.
दर्शन उपरांत मिस्टर अर्नोल्ड ने उत्तराखंड की एसडीआरएफ टीम की कार्यकुशलता, दक्षता व समर्पण की सराहना की गई. इस दौरान उन्होंने उन चुनौतीपूर्ण दिनों को स्मरण करते हुए बताया कि किस प्रकार सभी ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने हेतु कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया और एक दूसरे को मुश्किल वक्त में सम्भाला. उन्होंने अपने विभिन्न अनुभवों को साझा करते हुए एसडीआरएफ टीम का मनोबल बढ़ाया तथा भविष्य में भी इसी तत्परता से कार्य किये जाने हेतु प्रेरित किया गया.
फाईब जी के युग में दुनिया भर में विज्ञान को चमत्कार मानने वाले लोगों को भी भारतीय सनातन संस्कृति और धर्म पर इस रेस्क्यू ऑपरेशन से आस्था बढ़ाई है. यही वजह रही कि जब अमेरिका की ऑगर ड्रिलिंग मशीन ने पहाड़ के आगे घुटने टेक दिए तब बाबा बौखनाग ने रविवार 26 नवंबर को वचन दिया कि तीन दिनों में श्रमिक सकुशल बाहर निकलेंगे और पूरे ऑपरेशन में किसी भी प्रकार के अड़चनें नहीं आएंगे. जब ये सही साबित हुई तो सात समुंदर पार से आये ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ मिस्टर अर्नोल्ड डिक्स ने भी कहा है कि अपने देश तभी लौटूंगा जब बाबा बौखनाग के मंदिर में माथा टेक लूंगा.
बता दें कि बाबा बौखनाग का मंदिर सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल के ऊपर घने जंगलों के बीच है जहां लगभग आठ किलोमीटर पैदल चढ़ाई पर स्थित है.